जीतन राम मांझी के साथ हो रहा है राजनीतिक भेदभाव
जीतन राम मांझी के साथ हो रहा है राजनीतिक भेदभाव
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पटना : बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को वहां लगाए गए आम और लीची के लुत्फ उठाने से रोक दिया गया है। मामले में इन फलों के वृक्षों की तैनाती के लिए 24 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पूर्व उत्तराधिकारी रहे मांझी के बीच नया विवाद हो गया है। मामले में मांझी को विगत फरवरी माह में मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास में नीतीश द्वारा 7 सकुर्लर रोड़ स्थित सरकारी आवास में स्थान दिया गया है। हिंदुस्तानी अवामी मोर्चे के प्रवक्ता दानिश रिजवान द्वारा कहा गया है कि मांझी और उनके परिजन द्वारा वर्तमान आवास से आम, कटहल अथवा लीची न तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

यही नहीं मामले में कहा गया है कि इसे रोकने के ही साथ सरकार मांझी को प्रताडि़त कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार रिजवान ने मुख्यमंत्री और अन्य जिम्मेदारों को लेकर श्री मांझी को आवास के अलावा अन्य सुविधाऐं न दिए जाने का उल्लेख किया था। उनका कहना था कि यह तो किसी तरह की कोई वजह नहीं होती है।

यही नहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के प्रमुख सुशील कुमार मोदी द्वारा मामले में महादलित को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है। यही नहीं इस तरह की बात का उल्लेख करते हुए महादलित वोट बैंक के कार्ड को खेलने का भाजपा मन बना रही है। इस दौरान कहा गया कि जो उस बंगले में रह रहा हो और उसे उसी क्षेत्र के पेड़ों पर लगे फलों का सेवन करने से रोक दिया जाए तो यह बात कुछ समझ नहीं आती है। 

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