पानी में जहर ! हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ठीक पहले 1200 छात्र बीमार, सबको एक ही जैसी तकलीफ..
पानी में जहर ! हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ठीक पहले 1200 छात्र बीमार, सबको एक ही जैसी तकलीफ..
Share:

तेहरान: ईरान में जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शन के ठीक एक दिन पहले इस्लामी मुल्क की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी के लगभग 1200 विद्यार्थी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि बीमार हुए सभी स्टूडेंट्स को एक जैसी ही तकलीफ हो रही हैं। इनमें उल्टी, जबरदस्त बॉडी पेन और दिमागी तकलीफ शामिल है। नेशनल स्टूडेंट यूनियन के अनुसार, खाराजामी और अर्क यूनवर्सिटी के सभी स्टूडेंट्स इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं। यूनियन का आरोप है कि सरकार और उसकी एजेंसियों ने इन स्टूडेंट्स के हॉस्टल के पानी में जहर मिला दिया था, ताकि छात्र सरकार और हिजाब के विरुद्ध प्रदर्शन न कर सकें।

स्टूडेंट यूनियन ने इल्जाम लगाया है कि हॉस्टल के वॉटर सप्लाई सोर्स में जहर मिला दिया गया है। वहीं, इस आरोप के बाद ईरान के सरकारी अफसरों ने सफाई देते हुए कहा है कि, हम ये मानते हैं कि स्टूडेंट्स बीमार हुए हैं। इसका कारण खराब पानी है। पानी में बैक्टीरिया पनपे और इसको पीने से छात्र बीमार हुए। खास बात यह है कि मंगलवार (6 दिसंबर) को भी तेहरान की दो यूनवर्सिटीज में बिल्कुल ऐसी ही घटना हुई थी। तब तेहरान की अल जाहरा और इश्फहान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स इसी प्रकार बीमार पड़े थे। बताया जा रहा है कि खराब पानी ऑफिशियल कैंटीन से सप्लाई किया जा रहा था। एक टेलिग्राम चैनल पर यूनियन ने कहा है कि, हमने इश्फहान यूनिवर्सिटी की घटना के संबंध में प्रशासन को सूचित कर दिया था। इसमें कोई संदेह नहीं कि स्टूडेंट मास फूड प्वॉयजनिंग का शिकार हुए हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हालात इस कदर बदतर हो गए हैं कि यूनिवर्सिटी के क्लीनिक्स में डी-हायड्रेशन की दवाइयां तक खत्म हो चुकी हैं। लिहाजा, शक जताया जा रहा है कि यह सब एक योजना के तहत किया गया है, ताकि विद्यार्थी हिजाब और सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल न हो सकें। स्टूडेंट्स यूनियन का आरोप है कि नैतिक पुलिस (Morality Police) खत्म करने की अफवाहें सरकार इसलिए फैला रही है ताकि छात्रों के बीच गलतफहमी उत्पन्न की जा सके।

इस बीच, सियासी रूप में भी एक बड़ा उलटफेर हुआ है। ईरान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खट्टामी ने हिजाब और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। 79 वर्षीय मोहम्मद खट्टामी 1997 और 2005 में ईरान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्होंने कहा है कि मौजूदा ईरान सरकार आम लोगों के हक छीन रही है और जो इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, उन्हें सजा दी जा रही है। ये देश के लिए बेहद खतरनाक है।

ऐतिहासिक गुरूद्वारे को 'मस्जिद' बताकर कट्टरपंथियों ने जड़ दिया ताला, सिखों के प्रवेश पर रोक

फिल्मों की ऐसी दीवानगी कि नार्थ कोरिया के तानाशाह ने कर लिया एक्ट्रेस का किडनैप और फिर...

कोलंबिया में भूस्खलन से 27 लोगों की मौत, राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने जताया दुःख

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -