निमोनिया होने पर जल्द इलाज  ही है बचाव, जाने इसके लक्षण और बचाव
निमोनिया होने पर जल्द इलाज ही है बचाव, जाने इसके लक्षण और बचाव
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कल वर्ल्ड निमोनिया डे  मनाया गया इस मौके पर आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है इस बीमारी से होने वाले लक्षण और इसके उपचार के बारे में जी हाँ जैसे की हम सभी जानते है निमोनिया फेफड़ों से जुड़ा एक इंफेक्शन है, जो ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल से होता है। बदलते मौसम और खसरा व चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद निमोनिया का खतरा और भी बढ़ जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, निमोनिया सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों को अटैक करता है क्योंकि इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है।

निमोनिया का पता लगाने के लिए तीन प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं। ये हैं सीबीसी, छाती का एक्सरे और बलगम की जांच। सीबीसी में टोटल ब्लड काउंट देखा जाता है। अगर उसमें रेड ब्लड सेल्स यानी आरबीसी नॉर्मल रेंज 12,000 से ज्यादा निकलता है तो निमोनिया हो सकता है। अगर एक्सरे में छाती में सफेद धब्बे दिखें, तो भी यह निमोनिया की ओर इशारा करता है।एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मौतों में 15 फीसदी मौतें निमोनिया की वजह से ही होती हैं। बच्चों में आमतौर पर वायरल से निमोनिया होता है, जबकि स्मोकिंग करनेवालों में बैक्टीरिया से। आमतौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है और यह 10-12 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार यह खतरनाक भी हो जाता है।

 

निमोनिया से बचाव
1-निमोनिया से बचाव के लिए ​गर्म कॉफी पिएं। कॉफी में मौजूद कैफीन फेफड़ों के कंजेशन को खत्म करता है। इसके अलावा शहद को भी निमोनिया से बचाव में कारगर माना गया है। इसमें मौजूद ऐंटिबैक्टिरियल, ऐंटिफंगल और ऐंटिऑक्सिडेंट्स प्रॉपर्टीज निमोनिया से होने वाले कफ और कोल्ड में आराम दिलाती हैं।

2-पेपरमिंट ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री होता है जो छाती में मौजूद कंजेशन को कम करता है। साथ ही इससे गले में खिचखिच में भी आराम मिलता है और कफ को बाहर निकालता है।

3-टीकाकरण जरूरी है। 2 साल से छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगवाएं। जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें भी टीका लगवाना चाहिए।

4 - खांसते हुए मुंह पर नैपकिन रखें ताकि मुंह से कीटाणु निकालकर दूसरों पर हमला न करें। अगर किसी को खांसी है तो उससे थोड़ा दूर रहें।

5 - माना जाता है कि निमोनिया में अदरक और हल्दी की गर्म चाय पीने से लगातार आ रही खांसी के कारण होने वाले सीने के दर्द में आराम मिलता है। अदरक और हल्दी के पौधों की जड़ें सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं।

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