जातिवाद, आतंकवाद और संप्रदायवाद से मुक्त होगा न्यू इंडिया
जातिवाद, आतंकवाद और संप्रदायवाद से मुक्त होगा न्यू इंडिया
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 39 वीं बार मन की बात रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में, श्रोताओं को संबोधित किया। वे वर्ष 2017 के अंतिम दिन, 31 दिसंबर के मौके पर श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने रामकृष्ण परमहंस का उल्लेख करते हुए कहा कि, दिखाता है कि आखिर सेवा का महत्व क्या है। उन्होंने कहा कि जीव सेवा ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने गुरू गोविंद सिंह को याद किया और कहा कि उनका प्रकाश पर्व उन्हें स्मरण करने का महान अवसर है। वे एक महान योद्धा थे।

उन्होंने लोगों को जाति व धर्म के बंधन को तोड़ने की शिक्षा दी। उन्होंने द्वेष को स्थान नहीं दिया। उन्होंने त्याग को महत्व दिया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं नववर्ष की शुरूआत उनकी स्मृति में पटनासाहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में उपस्थित हुआ। उन्होंने नववर्ष 1 जनवरी 2018 को लेकर कहा कि, यह दिन विशेष है। मगर जब स्पेशल की बात आती है तो मैं कहता हूं कि, 21 वीं सदी में जिन लोगों ने जन्म लिया है। वे नई सदी के नए भारत के वोटर के तौर पर जाने जाऐंगे। उन्होंने कहा कि आपका वोट न्यू इंडिया का आधार बनेगा।

आप मत देने के अधिकारी ही नहीं हैं बल्कि 21 वीं सदी के भारत के निर्माता बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने न्यू इंडिया यूथ की चर्चा की। जिसका अर्थ होता उत्साह, हमारा इस तरह का सपना सच होगा। नया भारत संप्रदायवाद, जातिवाद, आतंकवाद, गरीबी से मुक्त होगा। नया भारत शांति,एकता और सद्भाव का होगा। न्यू इंडिया को लेकर 18 वर्ष से 25 वर्ष तक के बच्चे चर्चा कर सकते हैं।

 जनआंदोलन करें युवा

समय की मांग है कि हम 21 वीं सदी के भव्य, दिव्य भारत के लिए जनआंदोलन करें। युवाओं के लिए कई अवसर हैं, स्किल डेवलपमेंट में हमारे युवा आगे आते हैं। उन्हें इन योजनाओं की जानकारी मिले। उन्हें विश्व को लेकर जानकारी मिले। वे इसका आवश्यक लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने संस्कृत श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि, उत्साह से भरा व्यक्ति अत्यंत बलशाली होता है। इस उत्साह से बढ़कर कुछ नहीं होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2017 और वर्ष 2018 को लेकर लोगों ने पाॅजिटिव इंडिया हैशटैग से ट्वीट्स किए सोशल मीडिया पर रिस्पाॅन्स दिए। यह एक सुखद अनुभव था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में लोगों के संदेशों का ल्लेख भी किया। जिसमें संतोष जाधव भिन्नर गांव, दीपांशु आहूजा सहारनपुर, सतीश बेवानी आदि के संदेश प्रसारित किए गए। उन्होंने कहा कि छोटी - छोटी प्रसन्नता को लेकर हम नववर्ष का स्वागत करें। उन्होंने आतंकवाद से पीड़ित अंजुम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होेंने कश्मीर लोकसेवा में प्रथम स्थान पर आए उन्होंने साबित किया कि हालात कितने ही खराब क्यों न हो सकारात्मकता के साथ परिस्थितियों को दुरूस्त किया जा सकता है।

स्वच्छ भारत

उन्होंने केरल के सबरीमाला मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष भगवान अयप्पा का आशीर्वाद लेने के लिए बड़े पैमाने पर लोग आते हैं। यहां स्वच्छ भारत की पहल करना बेहद महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि स्वच्छता के लिए एक जागरूक अभियान प्रारंभ कर दिया गया। इस अभियान में कोई बड़ा और कोई छोटा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर वर्ष 2014 को स्वच्छता को लेकर संकल्प लिया गया था।

अब हमने तय किया कि जब महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती हो तो उस अवसर पर हम उन्हें स्वच्छ भारत को लेकर कुछ न कुछ करेंगे और उनके सपनों का भारत देंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वे नए वर्ष में विभिन्न शहरों में किया जाएगा। इसके लिए कई पैमाने होंगे। विभिन्न दल अलग - अलग शहरों में जाकर इन्स्पेक्शन करेंगे। प्रयास किए जाऐंगे कि स्वच्छता प्रत्येक नागरिक, नागरिक संगठन और जनभागीदारी के माध्यम से भी हो ऐसा प्रयास किया जाए। स्वच्छता के लिए लोग प्रयास करें। कूड़े के लिए रियूज़, गीला कूड़ा, सूखा कूड़ा आदि के प्रावधानों का पालन किया जाए।

मेहरम साथ रखने की छूट

उन्होंने हज यात्रा के लिए जाने वाली महिलाओं को मेहरम साथ रखने की छूट पर कहा कि सरकार ने इस बात पर ध्यान दिया और फिर मुस्लिम महिलाऐं आज मेहरम के बिना हज पर जा सकेंगी। इस बात की मुझे प्रसन्नता है।

आसियान पर बात 

आसियान देशों के 10 नेता अतिथियों के तौर पर भारत आऐंगे। ऐसा इस गणतंत्र दिवस पर पहली बार होगा। आसियान के साथ भारत ने साझीदारी के 25 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। अतिथियों का भारत आगमन गर्व की बात है। उन्होंने त्यौहारों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाला नववर्ष आप सभी के लिए सुख, समृद्धि लेकर आए। जनवरी माह सूर्य के उत्तरायण होने का समय है।  इसी समय मकर संक्रांति मनाई जाती है जो कि प्रकृति से जुड़ा है। प्रकृति की इस घटना को अलग - अलग तरह से मनाया जाता है। भारत के पंजाब में लोहड़ी मनाई जाती है तो असम में बिहु, तमिलनाडु में पोंगल मनाया जाता है और राजस्थान में संक्रांत मनाई जाती है। मगर  इन सभी पर्वों का मूल तत्व एक ही है सभी को इनकी शुभकामनाएॅं। 

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