नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस काउंसिल के कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी बहुत महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि मीडिया में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए। मगर जिस तरह से कंधार विमान अपहरण कांड हुआ था, उस समय मीडिया ने जिस तरह से प्रसारण किया था उसके बाद मीडिया ने स्वयं ही मंथन किया था और यह जरूरत महसूस की थी कि मीडिया को खुद ही रेग्युलेशन बनाना चाहिए।
सेल्फरेग्युलेशन की बात सामने आई थी। आत्मनियंत्रण की यह व्यवस्था सही है। उस दौर में इस बात की जरूरत महसूस की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गलतियोें से मीडिया का आंकलन न हो और न ही मीडिया के कार्य में दखल होना चाहिए। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मीडिया में केवल सिलेक्टिव ज़रिया से मुश्किल हो जाती है। प्रेस काउंसिल ने सभी मामलों में महत्वपूर्ण चर्चा की।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की हत्या करना ठीक नहीं है लेकिन मीडियाकर्मी की हत्या इसलिए करना क्योंकि वह सत्य उजागर करने वाला था, उसकी हत्या करना काफी गंभीर हो जाता है। यह सत्य को दबाने का यह तरीका गलत है। जो भी शरीर पर वार करते हैं यह स्वतंत्रता पर सबसे बड़ा क्रूर जुर्म है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि जिस तरह से नेपाल में त्रासदी आने पर मीडिया ने अपने प्रसारण का रूख रखा उससे सहयोग का माहौल निर्मित हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मीडिया ने विभिन्न राज्यों के बीच जो मूल्यांकन किया उससे राज्यों में विकास करने की सोच विकसित हुई। सफाई अभियान को लेकर मीडिया ने जो प्रोत्साहन देने का काम किया है वह बहुत बेहतर कार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मीडिया और सरकार में संवादहीनता नहीं होना चाहिए।