May 05 2016 09:15 PM
जबलपुर: इंदौर के 55 मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स को हाईकोर्ट ने राहत भरा फैसला सुनाया गुरुवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई, इस दौरान याचिकाकर्ता इंदौर निवासी वरुण चौहान सहित 55 पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स का पक्ष अधिवक्ता आदित्य संघी ने रखा।
उन्होंने कहा की देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले 55 एमबीबीएस डिग्रीधारियों ने 2014 में ऑल इंडिया पीजी एग्जाम के जरिए इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमडी/एमएस की सीटों पर दाखिला हासिल किया। दाखिले के समय उनके 10-10 लाख रुपए के बांड/ बैंक गारंटी भरवाई गई कि उन्हें पीजी डिग्री के बाद एक साल मध्यप्रदेश के किसी भी ग्रामीण इलाके में मेडिकल ऑफिसर बतौर सेवाएं देनी होंगी।
जून में होने हैं फाइनल एग्जाम-पीजी स्टूडेंट्स की फाइनल परीक्षा जून-2016 में होनी है. वे इसकी तैयारी में जुटे हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद उनके मूल दस्तावेज नहीं लौटाए जाएंगे। साथ ही 10 लाख का बांड भी जप्त किया जा सकता है।
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