पेट्रोलियम’ निर्माण की प्रक्रिया और तेल शोधन के बारे में जानें
पेट्रोलियम’ निर्माण की प्रक्रिया और तेल शोधन के बारे में जानें
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पेट्रोलियम धरातल के नीचे स्थित अवसादी परतों के बीच पाया जाने वाला संतृप्त हाइड्रोकार्बनों का काले भूरे रंग का तैलीय द्रव है, जिसका प्रयोग वर्तमान में ईंधन के रूप में किया जाता है| पेट्रोलियम को ‘जीवाश्म ईंधन’ भी कहते हैं, क्योंकि इनका निर्माण धरातल के नीचे उच्च ताप व दाब की परिस्थितियों में मृत जीव-जंतुओं व वनस्पतियों के जीवाश्मों के रासायनिक रूपान्तरण से होती है|
‘पेट्रोलियम’ शब्द का निर्माण ‘पेट्रो’ अर्थात ‘चट्टान’ और ‘ओलियम’ अर्थात ‘तेल’ से मिलकर हुआ है, इसीलिए इसे ‘चट्टानी तेल’ या ‘रॉक ऑयल’ भी कहा जाता है| वर्तमान विश्व में इसे, इसके ऊर्जा के स्रोत के रूप में महत्व के कारण, ‘काला सोना’ भी कहा जाता है|

पेट्रोलियम का निष्कर्षण व शोधन
पेट्रोलियम की प्राप्ति धरातल के नीचे स्थित अवसादी चट्टानों के ऊपर कुएं खोदकर की जाती है,जिसे ‘ड्रिलिंग’ भी कहते है| विश्व में सबसे पहले पेट्रोलियम कुएं की खुदाई संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिवेनिया राज्य में स्थित ‘टाइटसविले’ स्थान पर की गयी थी| ‘ड्रिलिंग’ से प्राप्त होने वाले पेट्रोलियम के रूप को कच्चा तेल’ (Crude Oil) कहा जाता है| कच्चे तेल को रिफायनरियों में प्रसंस्कृत किया जाता है|  पेट्रोलियम से ही पेट्रोल,मिट्टी के तेल,विभिन्न हाइड्रोकार्बनों, ईंथर, प्रकृतिक गैस आदि को प्राप्त किया जाता है| पेट्रोलियम से इसके अवयवों के अलग करने की विधि ‘प्रभावी आसवन विधि’ (Fractional Distillation Method) कहा जाता है| इसे ‘पेट्रोलियम/तेल का शोधन’ (Petroleum Refining) कहा जाता है|


डीजल: यह एक तरह का तैलीय द्रव हाइड्रोकार्बन है, जो पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से प्राप्त होता है और इसका प्रयोग वाहनों,उद्योगों,रेलवे, आदि में ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है| यह पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक है, क्योंकि इसके जलने से अनेक ऐसी गैसें निकलती हैं जोकि विषैली होती हैं,जैसे-सल्फर डाई ऑक्साइड|यह पेट्रोल की तुलना में सस्ता होता है|


‘सिटी डीजल’ डीजल का एक ऐसा रूप है,जिसके जलने से हानिकारक गैसों का कम उत्पादन होता है|इसमें सल्फर की मात्रा कम होती है,इसीलिए इसे ‘अल्ट्रा लो सल्फर डीजल’ भी कहते हैं| यूरोप के अधिकांश शहरों में इसके प्रयोग होने के कारण इसे ‘सिटी डीजल’ कहते हैं|


द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.):यह प्रोपेन,ब्यूटेन और आइसो ब्यूटेन जैसे हाइड्रोकार्बनों का द्रवित मिश्रण है,जिसका प्रयोग रसोई गैस के रूप में किया जाता है| इसे भी पेट्रोलियम के
प्रभाजी आसवन से प्राप्त किया जाता है| इस गैस के रिसाव की पहचान के लिए इसमें दुर्गंधयुक्त ‘मरकेप्टन’ नाम की गैस मिलाई जाती है|


गैसोहोल: यह पेट्रोल व एल्कोहल का मिश्रण है,और गन्ने के रस से मिलने वाले एल्कोहल को पेट्रोल में मिलाकर प्राप्त किया जाता है| इसकी खोज ब्राज़ील में की गयी थी|
पेट्रोलियम के उपयोग
पेट्रोलियम का उपयोग निम्न रूपों में किया जाता है:
परिवहन में
औद्योगिक ऊर्जा के रूप में
प्रकाश व ऊष्मा जनन हेतु
स्नेहक (Lubricants) के रूप में
पेट्रोकेमिकल उद्योगों में
पेट्रोलियम के उप-उत्पादों (By- Products) का विविध रूप में उपयोग

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