किसी ने गंवाई आंख किसी को लगा तीर फिर भी डंटे है मुस्तैदी से
किसी ने गंवाई आंख किसी को लगा तीर फिर भी डंटे है मुस्तैदी से
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रायपुर : छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र। नक्सली हमले के लिए यह सबसे कुख्यात माना जाता है। करीब 4 वर्ष में नक्सलियों से 641 मुठभेड़ में लगभग 181 जवान शहीद हो गए। यही कारण है कि बीते 3 साल में कड़ाई होने के बाद लगभग 500 पुलिसकर्मी अपना स्थानांतरण करवा चुके हैं। हालांकि इस मामले में स्थानांतरण करने वालों की अभी भी डेढ़ सौ एप्लीकेशन्स सामने हैं।

इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि विशेष परिस्थितियों में डीजीपी अपनी ओर से स्वीकृति दे सकते हैं। इस मामले में पुलिस अधिकारी ने कहा कि 11 नक्सलियों को मार दिया गया है। जिसका नाम विशेष अवार्ड हेतु प्रदान किया गया। दरअसल इन्होंने ही मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा और रमन्ना को लेकर जानकारी प्रदान की थी। ऐसे में 3 जवान शहीद हो गए। अब ये अधिकारी अपने घावों को ठीक कर फिर से मोर्चे पर जुट गए हैं। एक पुलिसकर्मी सुखराम तो ऐसे हैं जो कि गोली को काफी करीब से जाता हुआ देख चुकमे हैं।

एक बार तो इनका पैर ही टिफिन बम पर आ गया था। मगर ईश्वर की कृपा से ये बच गए थे। हाांकि एक आॅपरेशन में गोलीबारी होने पर आनन फानन में इनका पैर स्लिप हो गया। जब ये नीचे गिर गए तो इनका सिर झाड़ियों से टकरा गया। इन्हें घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचा गया। हालांकि उपचार के दौरान इनके आंख की रोशनी चली गई। हालांकि अब ये फिर ड्यूटी पर हैं मगर अब दफ्तर का काम संभालते हैं। सुकलू कोरसा को एक तीर सीने में लग गया और वे वहीं गिर गए मगर कुछ देर बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद करीब 15 दिन में ही वे वापस आकर दुश्मन के विरूद्ध लड़ने लगे।

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