मोदी सरकार के 9 वर्षों में दोगुनी हुई प्रति व्यक्ति आय, विकास को मिलेगी रफ़्तार, मंदी की आशंका 'शुन्य'
मोदी सरकार के 9 वर्षों में दोगुनी हुई प्रति व्यक्ति आय, विकास को मिलेगी रफ़्तार, मंदी की आशंका 'शुन्य'
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नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार के 9 वर्षों के शासनकाल में भारत ने प्रति व्यक्ति आमदनी के मोर्चे पर लंबी छलांग लगाई है.  बीते 9 सालों में यह तक़रीबन दोगुनी हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में पहली बार शपथ ग्रहण की थी, तब भारत की प्रति व्यक्ति आमदनी 86,467 रुपए थी, जो अब बढ़कर 1.72 लाख रुपए हो चुकी है. नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) के ताजा डेटा के अनुसार, मोदी सरकार के करीबग 9 वर्षों के शासनकाल में यह उपलब्धि हासिल की गई है. 

बता दें कि, NSO आंकड़ों और सांख्यिकी के लिए देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है. देश के विकास का विश्लेषण करने के लिए पूरे देश के अर्थशास्त्री इसके आंकड़ों की प्रतीक्षा करते हैं. शुद्ध राष्ट्रीय आय (नेट नेशनल इनकम) को यदि मौजूदा मूल्यों के संदर्भ में देखते हुए प्रति व्यक्ति आमदनी की बात करें तो NSO ने 2020-21 के लिए 1, 27,065 और 2021-22 के लिए 1,48, 524 रुपये का अनुमान जाहिर किया था. फ़िलहाल भारत में जो प्रति व्यक्ति आय है, उसमे गत वर्ष की तुलना में 15.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. इससे यह जाहिर होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था बिल्कुल स्वस्थ है और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हो रही है. 

दरअसल, विकास का पूरा डायनैमिक्स हमें एक तथ्य से समझने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था का आकर जितना बढ़ेगा, उसके विकास की संभावना उतनी ही बढ़ती जाती है. जब लोगों के पास पैसा होगा, तो लोग पैसा खर्च भी करेंगे. जब बाजार में अधिक पैसा घूमेगा, तो इससे काफी तेजी से विकास भी होता है. यही कारण है कि जैसे ही आपकी इकॉनमी का आकार बढ़ता है, उसके विकास की रफ़्तार भी उतनी ही तेज होती है. 

भारत में मंदी​ की आशंका शून्य :-

बता दें कि, भारत अपनी धीमी किंतु अनवरत रफ्तार के कारण पूरे विश्व की निगाहों में बना हुआ है. अभी कुछ ही दिनों पहले वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने दावा किया था कि भारत में मंदी आने का अनुमान शून्य फीसद है, जबकि ब्रिटेन से लेकर अमेरिका, पूरे यूरोप और ब्राजील वगैरह में मंदी की संभावना 75 फीसदी से 35 फीसद तक थी. कारों की बिक्री सहित रिकॉर्ड GST कलेक्शन, हवाई मुसाफिरों की बढ़ती संख्या, टोल कलेक्शन में हो रहा इजाफा, सर्विसेज PMI के 13 वर्षों के उच्चतम स्तर और मैन्युफैक्चरिंग PMI के 4 महीने सहित कई तरह के आंकड़ों से भी पता चल रहा है कि भारतीय अर्थव्यस्था मजबूत है. IMF के अनुसार, इस साल फिर से भारतीय इकॉनमी पूरे विश्व में सबसे अधिक तेज रफ़्तार से बढ़ेगी.

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