इस्लामाबाद ; पाकिस्तान के पूर्वराष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ की मुश्किलें कुछ कम हो सकती हैं माना जा रहा है कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के हत्याकांड को लेकर उन्हें बरी किया जा सकता है। परवेज़ मुशर्रफ के अभिभाषक ने हाल ही में इस मामले में कहा है कि जिस गवाह ने पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ पर आरोप लगाया था वे ही अपने बयान से पलट गए हैं। मामले में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की वर्ष 2007 में रावलपिंडी में हत्या कर दी गई। दरअसल वे एक चुनावी रैली कर रही थीं इसी दौरान उनके वाहन को गोलियों से भून दिया गया और उन्हें भी हमलावर ने गोली मार दी।
दरअसल बनज़ीर हत्याकांड के दौरान परवेज़ मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और उन पर जनता का दबाव भी था। उन पर बेनज़ीर हत्याकांड को लेकर शक किया गया और फिर 2010 में बेनज़ीर भुट्टो हत्याकांड को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया। इस मामले में चार लोगों ने गवाही दी। जिसमें पाकिस्तान के पूर्व गृह सचिव सैयद कलाम शाह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के पूर्व महानिदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जावेद इकबाल चीमा आदि शामिल थे। मामले में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तानी गवाह अपने बयानों से मुकर गए हैं ऐसे में अभियोजन पक्ष ने एजाज शाह को फिर से गवाही के लिए बुलाने से इंकार कर दिया है।