नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में नियुक्त भारतीय राजनयिकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को वहां के स्कूलों से निकालकर भारत या फिर किसी दूसरे देश में अध्ययन करने हेतु भेज दे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस तरह की सलाह भी दी। पाकिस्तान द्वारा बीते शैक्षणिक सत्र में लगभग 50 से 60 विद्यार्थी पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल विद्यालयों में अध्ययन कर रहे थे।
भारत सरकार का यह निर्णय वर्तमान सत्र से प्रभावी नहीं होगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने भी विभिन्न मसलों पर कहा कि यह देश का एक अंदरूनी प्रशासनिक मसला है। पाकिस्तान के इस रवैये से यह साफ नज़र आ रहा है कि पाकिस्तान कश्मीर को हथियाना चाहता है।
कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में फिर से सत्ता का तख्तापलट हो सकता है ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपनी सत्ता बचाने के लिए सैन्य शासकों की हां में हां मिला रहे हैं और कश्मीर में हिंसा फैलाने वाले आतंकियों के समर्थन में बयानबाजियां कर रहे हैं मगर इससे पाकिस्तान को लेकर एक बार स्पष्ट हो गई कि पाकिस्तान आतंक को समर्थन दे रहा है।