संयुक्त राष्ट्र : अमेरिका में आतंकवाद के मसले पर पूरी तरह से घिर जाने के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर राग अलापना छोड़ नहीं रहा है। इस मामले में भारत से सीधे बात करने के स्थान पर पाकिस्तान तरह - तरह के हथकंडे अपना रहा है। जिसमें संयुक्त राष्ट्र में इस मामले को उठाने से भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी ओर से मांग करते हुए राज्य में सुरक्षा परिषद प्रस्तावों को लागू करने की मांग की।
इस मामले में यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी लोगों के स्वयं द्वारा लिए जाने वाले निर्णय को अपरिहार्य बताया गया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने यह भी कहा कि कश्मीरियों को बिना किसी दबाव के स्वयं ही निर्णय का अधिकार मिलना चाहिए।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस मसले पर अलगाववादियों को भी अपने साथ लाना चाहता है। पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीरीयों के निर्णय के नाम पर कश्मीर में अलगाववाद की भावनाऐं भड़काने का प्रयास किया है। पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र में उठाया। अब इस मामले में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने महासभा की तीसरी कमेटी में बयान दिया। जिसमें उन्होंने कश्मीर मसले को मौलिक तरकी से सुलझाने के लिए जरूरी बताया। संयुक्त राष्ट्र की 70 वीं वर्षगांठ पर कहा गया कि इस कार्रवाई के लिए उन्हें उत्प्रेरक होना चाहिए।
उनका कहना था कि कश्मीर के लोग अपने मौलिक अधिकार से दूर है जिसमें यह कहा गया है कि उन्हें कश्मीर को लेकर स्वनिर्णय लेने का अधिकार है। दूसरी ओर उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बात का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीरी कश्मीर के मसले का एक अटूट भाग हैं, उनके साथ भी चर्चा बहुत जरूरी है। उन्होंने जम्मू - कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र की एक बड़ी जरूरत और इसे असफलता बताया।