नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में कहा गया कि चुनाव के दौरान अच्छे दिन लाए जाने की बात बुरे दिन अर्थात् अंधेरे वाली परिस्थितियां, मुश्किल हालात हटाने से संबंधित थी। मामले में अंग्रेजी अख़बार द ट्रिब्यून को दिए गए साक्षात्कार में कहा गया है कि रोगी से मुलाकात करने पर हम उसे सांत्वना देते हैं और कहा जाता है कि चिंता मत करो, अच्छे हो जाओगे। इस तरह के विचारों से एक सकारात्मक माहौल का निर्माण होता है। दूसरी ओर कहा जाता है कि अच्छे दिन लाने से मेरे तात्पर्य बुरे दिनो को दूर करने से है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा अपना उद्देश्य हासिल करने के साथ ही कहा गया है कि मेरा मानना है कि हमने यह सुनिश्चित कर लिया है कि विरोधियों द्वारा मजाक उड़ाना प्रारंभ कर दिया गया है यदि कोई भी ट्रेन देरी से आती है तो उनके द्वारा पूछा जाता है कि अच्छे दिन कब आऐंगे। मगर लोगों द्वारा कांग्रेस से ही पूछा जा सकता है कि वर्ष 1970 से गरीबी हटाने का नारा दिया जा सकता है। दूसरी ओर यह विचार सामने आ रहा है कि 1970 से गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा है दूसरी ओर हमें यह विचार करना होगा कि क्या वाकई में गरीबी कम हुई है और इस दिशा में आगे क्या प्रयास कर सकते हैं।