कोर्ट रुम में केवल 5 और कोर्ट परिसर में केवल 25 मीडिया कर्मी ही रहेंगेः सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट रुम में केवल 5 और कोर्ट परिसर में केवल 25 मीडिया कर्मी ही रहेंगेः सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट में मंगलवार को हुई मारपीट के संबंध में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाना शुरु किया तो जजों ने पुलिस से पूछा कि क्या आप कन्हैया को सुरक्षा दे सकते है या हमें आदेश देना होगा। कोर्ट ने उसे 14 दिन की अतिरिक्त न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब वो 2 मार्च तक जेल में ही रहेगा।

तिहाड़ के सूत्रों के अनुसार, उसे बेहद सुरक्षा के साथ रखा गया है। कन्हैया ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि कोर्ट परिसर में भीड़ ने उसके साथ मारपीट की। सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए 5 वकीलों पर पत्थर फेंके गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली पुलिस कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में पीछे रही। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए पांच वकील पटियाला हाउस पहुंचे थे।

सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को पटियाला हाउस में हुई घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान उस पर हमला हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रूम खाली करने का आदेश दिया। बाद में सुनवाई रोक दी गई।

वकीलों की टीम ने SC को बताया कि कोर्ट परिसर में हमारे ऊपर भी बोतल और पत्थर फेंके गए। बुधवार को भी कोर्ट में कन्हैया की पेशी के दौरान वकीलों और जेएनयू के छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी को तलब किया। वकील भी दो गुटों में बंट गए और उनके बीच भी मारपीट शुरु हो गई। हांलाकि कोर्ट के बाहर पुलिस मौजूद थी, लेकिन वकीलों पर काबू नही पा सकी।

इतना ही नही हद तो तब हो गई जब पेशी के दौरान मीडिया कर्मियों पर भी पत्थर फेंके गए। इसके बाद वकीलों ने आरोप लगाया कि जेएनयू के ही छात्र वकीलों के कपड़े में आए थे। किसी भी वकील ने एक भी पत्रकार या छात्र पर हाथ नहीं उठाया। वकीलों के वेष में जेएनयू के छात्रों ने मारपीट की है। वकीलों ने हाथों में तिरंगा लेकर नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला और कहा कि कोर्ट में घुसकर जो मारपीट करेगा वो बचेगा नहीं।

कोर्ट ने पुलिस से सवाल किए कि आदेश के बाद सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि नारेबाजी पर पूरी तरह रोक लगाए, कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए, कोर्ट रुम में केवल केस से जुड़े वकीलों को ही जाने दिया जाए, कोर्ट के भीतर केवल 5 मीडिया कर्मी रहेंगे और कोर्ट परिसर में केवल 25 मीडिया कर्मी रहेंगे।

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