मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना की शर्तों में बदलाव किया है। पहले ट्रांसफार्मर लगवाते समय संबंधित समूह को ट्रांसफार्मर का मुखिया घोषित करना पड़ता था।
वही व्यक्ति ट्रांसफार्मर के लिए जिम्मेदार होता था, लेकिन अब इसके लिए पूरा समूह ही जिम्मेदार होगा। समूह का एक सदस्य यदि बिल जमा नहीं करता है तो बिजली कंपनी को उसका कनेक्शन काटने का अधिकार रहेगा।
कृषि पंप के लिए स्वयं का ट्रांसफार्मर लगना बंद हो गया था, लेकिन उर्जा विभाग के निर्देश पर इस योजना को फिर से लागू किया गया। इसके साथ ही कृषि पंप चलाने के लिए स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाने की शर्तों को आसान किया गया है।
पहले ट्रांसफार्मर लगाने से पूर्व उसका मुखिया घोषित करना पड़ता था। अब नए नियम अनुसार समूह में जितने भी कनेक्शन लिए जाएंगे, वह सभी ट्रांसफार्मर के लिए जिम्मेदार होंगे।
जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत लगाए ट्रांसफार्मर से निम्न दाब लाइन नहीं बिछाई जाएगी। केबल के माध्यम से पंप तक कनेक्शन पहुंचा जाएगा।
ये शर्तें की गई हैं लागू
- इस योजना के तहत 63 केवीए, 25 केवीए क्षमता के ही ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे।
-ट्रांसफार्मर खराब होने पर उसे सुधारने व बदलने का खर्च समूह को उठाना पड़ेगा। समूह में स्थापित ट्रांसफार्मर से किसी अन्य उपभोक्ता को कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। सिर्फ समूह के सदस्यों को ही कनेक्शन मिलेंगे।
- अगर ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी पकड़ी जाती है या फिर अधिक भार मिलता है तो समूह के समस्त सदस्यों पर केस दर्ज किया जाएगा। जो भी जुर्माना लगाया जाएगा, उसका भुगतान सभी को करना होगा।
और पढ़े-
पशुपालकों पर जिलाबदर और रासुका की तैयारी
सहकारी समितियां भी करेंगी सांची दुग्ध उत्पाद विक्रय
टेस्ट पास करते ही एक घंटे में मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस