ऑटो डेस्क: अभी पेश हुए बजट का असर अभी से देश में दिखने लगा हैं ये बजट लोगो को राहत पहुँचाने के लिए बनाया गया हैं या उनकी तकलीफ बढ़ाने के लिए क्यूंकि बजट पेश होते ही मर्सिडीज-बैंज नें अपनी गाड़ियों की कीमत में 5 लाख तक की वृद्धि का ऐलान किया हैं. ये कीमत इसलिए बढ़ाई गई है ताकि बजट में प्रस्तावित इंफ्रास्ट्रक्चर से और लक्जरी टैक्स की भरपाई हो सके.
कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ रोलैंड फोल्जर ने बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में ऑटो उद्योग को ड्यूटी में विवेकीकरण के जरिये कुछ राहत की उम्मीद थी लेकिन इसके विपरीत अतिरिक्त टैक्स लाद दिए गए. इस वजह से गाड़ियों की कीमत में इजाफा किया हैं.
अरुण जेटली द्वारा पेश किये गए बजट में घोषणा की थी कि वायु प्रदूषण और सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए तत्काल प्रभाव से पैसेंजर वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया जायेगा. जो बिल्कुल ही लोगो के समझ सें परे हैं. सियाम ने बुधवार को बताया कि चार मीटर से लंबे और 1200 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली पेट्रोल कारों और 1500 सीसी क्षमता वाली डीजल कार और मल्टी यूटीलिटी वाहनों पर ज्यादा टैक्स लगेगा। बजट दस्तावेज के अनुसार थ्री-व्हीलर, इलेक्ट्रिक व हाईब्रिड कार और फ्यूल सेल टैक्नोलॉजी से चालित वाहनों को इस टैक्स से मुक्त रखा गया है. इसके अलावा दिव्यांगों के इस्तेमाल वाले वाहनों को भी इस टैक्स से मुक्त रखा गया है. ऑटो उद्योग के संगठन ने कहा है कि चार फीसद अतिरिक्त टैक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर सेस) सभी तरह से ईंधन से चलने वाली बड़ी कारों पर लगेगा. इससे ज्यादातर बड़ी कारों की कीमत बढ़ सकती है.
बजट में ये भी कहा गया हैं की दस लाख सें ज्यादा महंगी कारों में एक फीसदी टीसीएस भी जमा करना होगा. जो डीलरों द्वारा ग्राहकों से लेकर सरकार के पास जमा करना होगा. सरकार नें ये बजट किस बात को सोच समझकर पेश किया हैं ये तो अभी किसी के समझ नही आया हैं और न ही इसका कोई फायदा नजर आ रहा हैं. इस बजट से अभी तो सिर्फ लोगो की तकलीफे ही बढती नजर आ रही हैं.