नैनीताल: उतराखंड में राष्ट्रपति शासन पर छिड़ी बहस पर हस्तक्षेप करते हुए हाइकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर यदि सरकार गिराई जाने लगे, तो देश में कोई भी सरकार नहीं बचेगी। कोर्ट में केंद्र की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे कर रहे है।
साल्वे ने जब सरकार का पक्ष रखते हुए ये कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार बचाने के लिए असंवैधानिक काम किया है। वित्त विधेयक गिर चुका था, जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी। राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग की शंका बढ़ गई थी।
इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर यदि सरकार गिरने लगी तो देश में कोई भी सरकार नहीं बचेगी। कोर्ट ने साल्वे से पूछा कि क्या राज्य में अनुच्छेद 356 लागू करने के लिए स्पीकर की कार्रवाई और वित्त बिल ही आधार था।
आप के अनुसार, 35 विधायक मत विभाजन की मांग कर रहे है, लेकिन स्पीकर का कहना है कि वित विधेयक पारित हुआ है। कैसे मान लिया जाए कि कांग्रेस से अलग हुए 9 विधायक आपको सपोर्ट करेंगे। इस पर साल्वे ने कहा कि बागी हुए नौ विधायकों ने अलग ग्रुप बना लिया था।
विनियोग विधेयक के दौरान भी हर हाल में उनका वोट सरकार के खिलाफ ही होना था। राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को कैबिनेट ने मंजूरी दी, जब कि वो चाहते तो फाइल लौटा भी सकते थे। इसका अर्थ यही है कि राज्य के लिए अनुच्छेद 356 सही और संवैधानिक है।