चंडीगढ़: प्रतिदिन बढ़ती जा रही शराब और ड्रग्स तस्करी के नए नए मामले सामने आ रहे है. हर रोज भारी मात्रा में शराब की तस्करी की जा रही है, हरियाणा में यदि अब कोई भी व्यक्ति शराब तस्करी करते हुए पकड़ा गया तो उसे छह माह से पहली जमानत नहीं मिलेगी. पहले प्रावधान पंद्रह दिन तक था. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि उसके बाद शराब तस्कर जमानत पर छूट जाता था. मगर अब पकड़े जाने पर शराब तस्कर को जमानत से पहले छह माह सलाखों के पीछे काटने ही पड़ेंगे. हरियाणा सरकार नई एक्साइज पॉलिसी के तहत प्रदेश सरकार ऐसा प्रावधान करने जा रही है. विधायक बीबी बत्रा के सवाल के जवाब में यह जानकारी आबकारी मंत्री एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सदन में रखी. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश की वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में कई महत्वूर्ण निर्णय लेकर नियमों को कड़ा किया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार इससे शराब तस्करी में संलिप्त लोगों को 6 माह तक जमानत नहीं मिलेगी जो पहले 15 दिनों में मिल जाती थी. फ्लो मीटर के माध्यम से डिस्टलरिज पर भी कड़ी निगरानी की जाएगी. वहीं इस बात का पता चला है कि शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक किरण चौधरी द्वारा वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति पर उठाए गए संदेह पर सदन को अवगत करवाते हुए उन्होंने कहा कि शायद किरण चौधरी को अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2007-08 के दौरान लागू की गई आबकारी नीति की ही जानकारी नहीं है, जिसमें घर में शराब रखने का प्रावधान था.
हम बता दें कि हमारी सरकार ने अब इंस्पेक्टरी राज खत्म करने के उद्देश्य से सामाजिक समारोह के दौरान शराब परोसने के लिए पहली बार ऑनलाइन परमिट की सुविधा प्रदान की जा चुकी है. इसकी अवधि सुबह 6.00 से अगली सुबह 6 बजे तक रहेगी और इसकी फीस 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये की गई है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2005 से वर्ष 2020 तक की आबकारी नीतियों के प्रावधानों के अनुरूप ही व्यक्तिगत रूप से शराब रखने का निर्धारित कोटा अबकी बार भी कायम रखा गया है.
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