अभी तक केवल डेढ़ लाख करोड़ के नए नोट प्रचलन में आये
अभी तक केवल डेढ़ लाख करोड़ के नए नोट प्रचलन में आये
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नई दिल्ली - फ़िलहाल बाजार में नए नोटों की कमी महसूस की जा रही है. क्रेडिट सुइस रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये के नए नोट प्रचलन में आए हैं, जबकि नोटबन्दी को 19 दिन हो गए हैं. बता दें कि 500 और 1000 के नोटों को छोड़कर अन्य मूल्य वर्ग के 2.2 लाख करोड़ रुपये के नोट पहले से चलन में है.

बता दें कि मुद्रा की वास्तविक स्थिति का यह तथ्य क्रेडिट सुइस रिसर्च रिपोर्ट' के माध्यम से सामने आया है, जिसके अनुसार 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद 14.18 लाख करोड़ रुपये अब चलन में नहीं हैं. जबकि 500 और 1000 रुपए के 2,203 करोड़ नोट अब रद्दी कागज के टुकड़े बन गए हैं.

ख़ास बात यह है कि 1.5 लाख करोड़ रुपये के नए नोट में बड़ी संख्या में 2000 के नोट हैं, जो कि अभी लेन-देन के लिए आदर्श नहीं हैं.  स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए 500 के नए नोट बड़ी संख्या में छापना होंगे.राहत वाली बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही 150 करोड़ रुपये प्रिंट करने के लिए सक्षम हो गया है.आरबीआई एक दिन में 500 रुपये के लगभग 4 से 5 करोड़ नोट छाप रहा है .

दूसरी अच्छी खबर यह है कि नई मुद्रा को बाजार में पहुँचाने के लिए बैंकों ने शाखाओं और एटीएम के माध्यम से 10 से 18 नवंबर के बीच 1.03 लाख करोड़ रुपये लोगों तक पहुंचा दिए हैं. 14.18 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोटों में से 6 लाख करोड़ रुपये बैकों में जमा हो गए हैं.

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