नाभि खिसक जाने पर यह करे
नाभि खिसक जाने पर यह करे
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अक्सर महिलाओं में नाभि खिसकने की समस्यां आते रहती है. इस स्थिति में पेट में दर्द होता है, दस्त लग जाता है और किसी दवा से आराम नहीं होता. आधुनिक जीवन-शैली इस प्रकार की है कि भाग-दौड़ के साथ तनाव-दबाव भरे प्रतिस्पर्धापूर्ण वातावरण में काम करते रहने से अधिकतर महिलाओं का नाभि चक्र निरंतर क्षुब्ध बना रहता है. इससे नाभि अव्यवस्थित हो जाती है.

इसके अलावा खेलने के दौरान उछलने-कूदने, असावधानी से दाएँ-बाएँ झुकने, दोनों हाथों से या एक हाथ से अचानक भारी बोझ उठाने, तेजी से सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने, सड़क पर चलते हुए गड्ढे में अचानक पैर चले जाने या अन्य कारणों से किसी एक पैर पर भार पड़ने या झटका लगने से नाभि इधर-उधर हो जाती है. कुछ महिलाओं की नाभि अनेक कारणों से बचपन में ही विकारग्रस्त हो जाती है.

यदि आप पक्का करना चाहते है कि आपकी नाभि सरकी है या नहीं तो यह करे. प्रातः खाली पेट ज़मीन पर शवासन में लेटें. फिर अंगूठे के पोर से नाभि में स्पंदन को महसूस करे. अगर यह नाभि में ही है तो सही है. कई बार यह स्पंदन नाभि से थोड़ा हट कर महसूस होता है; जिसे नाभि टलना या खिसकना कहते है. यह अनुभव है कि आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर तथा स्त्रियों की नाभि दाईं ओर टला करती है.

इस समस्यां को हल करने के लिए सौंफ 10 ग्राम और गुड़ 50 ग्राम पीसकर मिला लें और सुबह खाली पेट अच्छी तरह चबा-चबाकर खा लें. यदि एक बार खाने पर नाभि ठीक न हो तो दूसरे दिन या तीसरे दिन भी खा लें. इस उपाय से नाभि यकीनन जगह पर आ जाएगी. इस दौरान भारी वज़न उठाना या झटके के साथ कोई चीज उठाना सख्त मना है.

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