लखनऊ: अगस्त 2013 में भड़के मुजफ्फरनगर दंगे की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस विष्णु सहाय ने राजभवन जाकर राज्यपाल राम नाईक को 6 खंडों में 775 पेज की यह रिपोर्ट सौंपी। इसके आखरी 25 पेज में हिंसा की तफ्तीश के निष्कर्ष दिए गए हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही वे कुछ कह सकते हैं। वे बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यह रिपोर्ट भेजेंगे। जस्टिस सहाय के अनुसार उन्होंने राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी है। इसके संबंध में उनका कुछ भी कहना सही नहीं होगा। उधर, आला अधिकारी भी इस रिपोर्ट को लेकर कोई बयान नही देना चाहते हैं।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इसके संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया जबकि प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा ने बताया कि उन्होंने अभी रिपोर्ट नहीं देखी है। वैसे भी रिपोर्ट पहले सदन के पटल पर रखी जाएगी। उसके बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकेगा। राज्य सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे की जांच के लिए 9 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट से अवकाश प्राप्त जस्टिस विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था।
आयोग को 2 महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी, किन्तु इस समय सीमा में जांच पूरी नहीं होने पर कई बार आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया था। 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव से भड़की इस हिंसा की आग बाद में समीप के कई जिलों में फैल गई थी। इस दंगे में 62 से अधिक लोग मरे गए थे और इससे कहीं अधिक लोग जख्मी हो गए थे।