अमरोहा : मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड अपने नियमों में किसी भी तरह से सरकारी हस्तक्षेप नहीं चाहता है। यह बात उस समय सामने आई जब इसके पदाधिकारियों ने बैठक का आयोजन कर समान नागरिक संहिता की बात कही। उत्तरप्रदेश के अमरोहा में बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के मामले में दखल नहीं चलेगा। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड द्वारा कहा गया कि चाहे सरकार किसी भी दल की हो मगर उनके नियमों में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री मौलाना वली रहमानी द्वारा अमरोहा में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें एक प्रस्ताव पारित हुआ। जिसमें यह बात सामने आई कि सरकार भले ही किसी भी पार्टी की हो वे अपने कानून में किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं होने देंगे। रहमानी द्वारा यह भी कहा गया कि बैठक में इस मामले में कई तरह की बातों का विरोध किया गया।
सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट की ओर से निकाह, तलाक, खुलाह जैसे मसलों पर कई तरह के निर्णय लिए जाते हैं। इस तरह के निर्णय लिए जाना शरीयत के विरूद्ध है। इस तरह के निर्णयों के लिए पर्सनल लाॅ की संवैधानिक पीठ को दृढ़ करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर हस्तक्षेप किए जाने से इन्कार कर दिया गया।
न्यायालय द्वारा इस मामले में कहा गया कि समान नागरिक संहिता का निर्णय तो संसद को ही लेना होगा। देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरूद्ध मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड द्वारा अभियान चलाए जाने की बात कही गई। यह भी कहा गया कि इस तरह के अभियान में सिख, जैन, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को साथ में लेकर असहिष्णुता समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी कहा गया कि देश में असहनशीलता का माहौल है। मगर जितना माहौल बनाया जा रहा है वह वास्तविकता से अलग है।