बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिन्हें दुनियाभर ने नकार दिया। यह प्रोडक्ट आए और असफलता के अंधेरे में खो गए। आप सोच रहे होंगे कि हम आपको यह क्यों बता रहे हैं, तो इसके पीछे एक खास वजह है। वह वजह यह है कि इस दुनिया में एक जगह ऐसी भी है, जिसने उन प्रोडक्ट को अपनाया, जिन्हें पूरी दुनिया ने नकार दिया। यह जगह स्वीडन में है।
स्वीडन में एक ऐसा म्यूजियम है, जहां असफल प्रोडक्ट को रखा गया है। इस म्यूजियम को स्वीडन के डॉ. सैमुएल वेस्ट ने बनाया है। उन्होंने इस म्यूजियम का नाम 'म्यूजियम आॅफ फेल्योर' दिया है। यहां 100 से भी ज्यादा ऐसे सामान रखे हुए हैं, जो बुरी तरह असफल हुए। डॉ. सैमुएल का इस म्यूजियम को बनाने के पीछे खास मकसद है। उनका मानना है कि इस म्यूजियम में ऐसे सामानों को रखा गया है, जो हमें यह बताते हैं कि सफल होने के लिए कितनी बार नाकाम कोशिश करनी पड़ती है, तब कहीं जाकर सफलता मिलती है। वहीं इस म्यूजियम के सामान यह भी बताते हैं कि जरूरी नहीं हर कोशिश सफल हो, लेकिन हार नहीं माननी चाहिए।
इस म्यूजियम में जो प्रोडक्ट रखे गए हैं, उनमें 1980 में आया कोलगेट बीफ लसानिया, हॉर्ले डेविडसन का हॉट रोड परफ्यूम, नोकिया का एन—गेज, कोडक डिजिटल कैमरा, प्लास्टिक की साइकिल सहित कई प्रोडक्ट हैं, जो बुरी तरह फ्लॉप हो गए।
इस तरह के कई प्रोडक्ट आपको इस म्यूजियम में देखने को मिलेंगे। सैमुएल का कहना है कि यह म्यूजियम बताता है कि कुछ नया बनाने के लिए जरूरी है कि असफलताओं से सीखें।
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