भोपाल: मध्य प्रदेश एक बार फिर तेंदुआ स्टेट बना है, आज बृहस्पतिवार को जारी हुई गिनती में मध्यप्रदेश में 3907 तेंदुए पाए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां पर 1985 तेंदुए मिले हैं। जबकि देश भर में 13874 तेंदुए पाए गए हैं। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज जारी किए आंकड़ों में मध्यप्रदेश में तेंदुओं की जनसंख्या रफ़्तार से बढ़ी है। 2018 में 3421 से बढ़कर 2022 में 3907 तेंदुओं का आंकड़ा दर्ज किया गया है। तत्पश्चात, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में भी तेंदुओं की अच्छी जनसंख्या है। महाराष्ट्र में 2022 में 1985 तेंदुओं की जनसंख्या हो गई है, जो कि 2018 में 1690 थी। कर्नाटक में भी तेंदुओं की जनसंख्या बढ़ी है, जहां 2022 में 1879 एवं 2018 में 1783 तेंदुआ हैं। तमिलनाडु में भी 2022 में 1070 एवं 2018 में 868 तेंदुओं की जनसंख्या दर्ज की गई है।
Released the report on Status of Leopards in India today.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) February 29, 2024
Happy to share that the estimated leopard population in 70% of the leopard occupied area in India is now 13,874, up from 12,852 in 2018.
Central India recorded the highest population with Madhya Pradesh having 3,907… pic.twitter.com/yuWvbZvhXA
श्रीशैलम और पन्ना—सतपुड़ा सबसे बेहतर जंगल
तेंदुओं के संरक्षित क्षेत्रों में से एक है नगरजुनसागर श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश) के जंगल हैं, यहां पर तेंदुओं की अधिकतम जनसंख्या है, जो कि देश के अन्य इलाकों से ज्यादा है। तत्पश्चात, मध्य प्रदेश के पन्ना एवं सतपुड़ा क्षेत्र भी तेंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित एवं बेहतर स्थान बनकर उभरे हैं।
इन आंकड़ों पर भी गौर करें
5 वर्षों में मध्यप्रदेश में लेपर्ड
2017: 3100
2018: 3421
2019: 3650
2020: 3800
2022: 3907
राज्यवार लेपर्ड की संख्या
कर्नाटक— 1879
उत्तर प्रदेश — 371
उड़ीसा — 568
केरल — 570
महाराष्ट्र — 1985
तमिलनाडु— 1070
राजस्थान — 721
आंध्र प्रदेश — 569
गोवा— 77
झारखंड — 51
अरुणाचल— 42
बिहार — 86
तेलंगाना — 297
आसाम — 74
उत्तराखंड — 652
छत्तीसगढ़ — 652
क्षेत्रवार लेपर्ड
सेंट्रल इंडिया — 8820
शिवालिक — 1109
वेस्टर्न घाट— 3956
नार्थ बंगाल— 233
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