नागौर: यह घटना जिले के डेगाना के पास मिठड़िया गांव में गुर्जरों की ढाणी के पास जंगलों की हैं. जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित 80 से अधिक पक्षियों की मौत का मामला सामने आया है. जिसमें से 30 मोर और अन्य पक्षी बीते मंगलवार सुबह तक मृत पड़े मिले. इससे पहले सोमवार को 50 मोर मृत मिले थे. इसके साथ कुछ अन्य पक्षी भी मृत पाए गये हैं. इस मामले पर माना जा रहा है कि गेंहू के दानों में जहर मिलाकर खिलाने से पक्षियों की मौत हुई है एक साथ भारी मात्रा मे मोर के मरने की खबर से ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया हैं. वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करने के पश्चात् विभाग के रेंजर ने रेस्क्यू टीम को भेजा दिया हैं.
वही इस पुरे मामले पर ग्रामीणों की मदद से 6 मोर का इलाज शुरू करवा कर उन्हें बचा लिया गया हैं. घायल मोरों को खेतों में ढूंढा जा रहा है. जिससे उनका इलाज करके बचाया जा सके. ग्रामीणों ने कहा कि गुर्जरों की ढाणी के आस-पास के खेतों में मोरों के मरने की जानकारी मिली. इस बीच खेतों में कुछ मोर घायल अवस्था में भी पाए गये हैं. कम्पाउंडर को मौके पर बुलाकर इलाज कराया. इस बीच करीब 6 मोर को बचा लिया गया हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस बीच झाड़ के नीचे गेंहू के दाने बिखरे हुए मिले. ग्रामीणों का कहना हैं कि ने गेंहू के दानों में जहर मिला होने की आंशका हैं.
ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम के साथ खेतों में मृत मिले मोरों को ढूंढ़कर पिकअप के जरिए डेगाना पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया दिया हैं. घायल मोरों को भी इलाज के लिए पशु चिकित्सालय पहुंचाया. इस पर लगातार राहत कार्य शुरू कर दिया गया है वहीं केरों की झाड़ियों में बिखरे मिले जहरीले दानों पर पानी के टैंकर से पानी का छिडक़ाव जा चुका हैं जिससे दानों पर जहर का असर मिटाया जा सके. बाद में ग्रामीणों ने रेंजर को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में लिखित रिपोर्ट दायर कर दी हैं. यदि उसने यह वारदात कर हैं तो मोरों के हत्यारों के मामले में दंडित कराने की मांग की हैं.
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