अमेरिकी एजेंसी मूडीज ने हाल ही में यह कहा है कि वर्ष 2016 और 2017 में भारत की विकास दर को 7.5 फीसदी पर देखी जाने वाली है. लेकिन साथ ही इस समय में निवेश में कमी रहेगी. इसके साथ ही मूडीज का यह भी बयान सामने आया है कि कमोडिटी का शुद्ध आयातक होने के कारण भारत को घटती कमोडिटी कीमतों का लाभ देखा जा रहा है.
इसके साथ ही विकास में प्रमुख योगदान बढ़ती खपत का भी देखने को मिलने वाला है. मूडीज का कहना है कि यदि देश को विकास दर को स्थायी बनाना है तो इसके लिए उसे घरेलू निजी निवेश में स्थायी सुधार करना बहुत ही जरुरी है.
आगे की जानकारी पेश करते हुए मूडीज ने यह भी कहा है कि इस दौरान देश की विकास दर थोड़ी बढ़ोतरी के साथ 7.5 फीसदी पर बनी रहने वाली है. जोकि वर्ष 2015 में 7.3 फीसदी पर देखने को मिली है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक विकास दर के सुस्त रहने के कारण वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में निर्यात में नौ फीसदी की गिरावट देखी गई है. मामले में ही यह भी सुनने में आया है कि वर्ष 2015 की प्रथम तीन तिमाहियों में औसतन 5.6 फीसदी गिरावट देखने को मिली थी.