चाहे ड्राय स्किन हो, ऑयली स्किन, सेंसेटिव स्किन या नार्मल स्किन हो. त्वचा के रंग या त्वचा पर पाए जाने वाले तिल का आकार या रंग बदलने लगे तो यह स्किन कैंसर के लक्षण हैं.
अगर आपके शरीर पर मौजूद तिल अथवा मस्सों का आकार बदल रहा है, तो लापरवाही भारी पड़ सकती है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि यह मेलानोमा कैंसर भी हो सकता है. मेलानोमा एक किस्म का स्किन कैंसर होता है. त्वचा के रंग का निर्माण करने वाले मेलेनोसाइट्स में यह रोग होता है.
तिल और मस्सों से इस रोग की शुरुआत होती है. सबसे पहले इनके आकार में बदलाव होना शुरु हो जाता है. इसके अलावा त्वचा पर अलग-अलग आकार के दाग-धब्बे बनने लगते हैं. जैसे-जैसे ये दाग पुराने होते हैं, उनमें खुजली होने लगती है. अगर तुरंत इसका इलाज नहीं कराया गया, तो दाग के चारों तरफ काले निशान बनने लगते हैं. खुजलाने पर खून निकलने लगता है. धीरे-धीरे दाग पूरी त्वचा पर फैलने लगते हैं. इनका रंग भी त्वचा के रंग से गहरा या काला होता जाता है. कई बार ये दाग-धब्बे सफेद, गुलाबी, लाल और नीले रंग के भी होते हैं.
इस बीमारी से बचना है, तो ज्यादा देर धूप में न रहें. जरूरत पड़ने पर जाना पड़े, तो सनस्क्रीन लोशन लगाकर और शरीर को ठीक से ढंककर ही निकलें. बीमारी होने की आशंका होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें.