किस्मत, कई लोग इसपर विश्वास करते हैं और कई नहीं भी करते हैं. लेकिन यदि आप किस्मत पर विश्वास नहीं करते तो आज से करने लगेंगे. जी हां, आज हम आपको पाकिस्तान क्रिकेट टीम के एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसपर 'रातों रात राजा' बनने वाली कहावत सिद्ध होती है. उस खिलाड़ी ने एक मजदूर की तरह दिहाड़ी पर काम किया, लेकिन जब किस्मत चमकी तो वह पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलता नजर आया.
महीने में मात्र 1200 रुपये कमाते: रातों रात किस्मत बदलती है यदि आपको इस बात पर भरोसा ना हो, तो आप पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान की कहानी जरुर जाननी चाहिए. तो आइए आपको हम इरफान की कहानी बताते हैं. असल में इरफान एक गरीब परिवार से थे. वह पाकिस्तान में आने वाले पंजाब के गग्गु मंडी में गुजर-बसर के लिए एक प्लास्टिक पाइप बनाने वाली फैक्ट्री में मजदूर की तरह काम करते थे.इरफान को उनकी मजदूरी के लिए हफ्ते में 300 रुपये मिलते थे. कुल मिलाकर वह दिन में 8-9 घंटे मजदूरी करने के बाद महीने में 1200 रुपये ही कमा पाते थे. इतने पैसे में उनके लिए परिवार का खर्चा चलाना ही मुश्किल होता था, तो ऐसे में क्रिकेटर बनने का उनका सपना सालों तक दिल में ही दबा रहा.
रातों-रात बदल गई किस्मत: गरीबी की जिंदगी जी रहे इरफान के दिल में क्रिकेट शुरुआत से ही बसता था. वह मजदूरी के बाद समय निकाल कर टेल बॉल क्रिकेट खेलते थे. साथ ही इरफान शौकिया तौर पर लेदर बॉल क्रिकेट भी खेलने चले जाते थे. लेकिन इरफान को नहीं पता था कि उनकी किस्मत अचानक सातवें आसमान पर पहुंचने वाली थी. असल में इरफान एक क्लब मैच खेल रहे थे कि तभी पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज आकिब जावेद की नजर इरफान पर पड़ी. आकिब ने उनकी काबीलियत को पहचान लिया और उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी में शामिल करने का इन्विटेशन दिया. इस मौके को इरफान ने अच्छी तरह भुनाया. इरफान की तेज गेंदबाजी को देखकर पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज अजहर अली ने मोहम्मद इरफान की गेंदबाजी के मुरीद होगए और यही से शुरु हुआ इरफान का पाकिस्तान क्रिकेट टीम में खेलने का सफर शुरु हुआ. जब पाकिस्तान ए के खिलाफ खेलते हुए 4 विकेट अपने नाम किए. फिर तो मानो इरफान के अच्छे दिन शुरु हो गए और वह आगे बढ़ते गए.
28 साल की उम्र में मिला मौका: मोहम्मद इरफान ने घरेलू क्रिकेट में एक के बाद एक बड़ी उपलब्धियां हासिल की. इसके बाद 28 साल की उम्र में पाकिस्तान टीम को अंतरराष्ट्रीय डेब्यू का मौका मिला. 7 फुट लंबे इस गेंदबाज को टीम में मौका मिलने के पीछे कारण रहे पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल में फंसना. जी हां, टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ स्पॉट फिक्सिंग मामले में फंस गए थे, तब इरफान को पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला. इरफान ने 2010 में इंग्लैंड के साथ वनडे में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया, लेकिन वह डेब्यू में कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर सके जिसके चलते फिर लगभग 2 साल के लिए उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया. बताते चलें, इरफान ने 4 टेस्ट, 60 वनडे और 22 टी20 आई मैच खेले हैं जिसमें क्रमश: 10, 83, 16 विकेट्स अपने नाम किए हैं.
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