कोलकाता : माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने की नीति से इंकार कर दिया है। हालांकि उन्होंने भाजपा के हिंदुत्ववादी एजेंडे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों को लेकर विभिन्न पार्टियों से एकजुट होने की अपील की। माना जा रहा है कि उन्होंने इस तरह की बात कर कांग्रेस के गिरते जनाधार से खुद की पार्टी को अलग रखने का प्रयास किया है।
माकपा के महासचिव श्री येचुरी ने 19 अप्रैल को महासचिव का पदभार संभालने के बाद यहां पहुंचने पर कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। दोनों ही पार्टियों के बीच मौलिक आदर्श को लेकर मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि संसद में विभिन्न मुद्दों के आधार पर कांग्रेस के साथ सहयोग की बात कही गई है। मामले को लेकर आरोप लगाया गया है कि भाजपा हिंदुत्ववादी बातों को संरक्षण दे रही है। यही नहीं उसकी आर्थिक नीतियां सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही हैं और कुछ वर्गों को भाजपा की आर्थिक नीतियों से नुकसान हो सकता है।
राज्य के मतदाता तृणमूल के अल्पसंख्यकों की ओर झुकाव से परेशान हैं तो दूसरी ओर भाजपा भी उन्हें राहत देती नज़र नहीं आती। उल्लेखनीय है कि माकपा सदैव से भाजपा का विरोध करती रही है दूसरी ओर कांग्रेस के साथ वह केंद्र में गठबंधन करती आई है मगर कांग्रेस का जनाधार कम होने से पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अलग होकर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। चुनाव में पार्टी मजदूरों और किसानों की बात को उठाने का प्रयास कर सकती है।
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