श्रीनगर : कश्मीर में रविवार को शहीद हुए कैप्टन पवन कुमार ने देशभक्ति का संदेश दिया है. शहादत से ठीक एक दिन पहले 23 वर्षीय पवन ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था, "किसी को आरक्षण चाहिए, किसी को आजादी (आतंकवाद), हमें कुछ नहीं चाहिए भाई... बस अपनी रजाई (सुकून)...
शहीद पवन हरियाणा के जींद के रहने वाले थे और उसी जाट समुदाय से आते हैं, जो आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन कर रहा है. नेशनल डिफेंस एकेडमी से स्नातक पवन कुमार ने 3 साल पहले आर्मी ज्वाइन की थी. NDA से अनुबंध के तहत JNU से भी उन्होंने डिग्री हासिल की थी.
घायल होने के बावजूद ऑपरेशन में हुए शामिल
जिस 7 मंजिला इमारत में आतंकी छिपे हैं, उसके भूतल को पूरी तरह खंगालते हुए रात करीब डेढ़ बजे कैप्टन पवन साथियों के साथ पहली मंजिल की तरफ बढ़े. इसी दौरान आतंकियों ने उन पर ग्रेनेड फेंकते हुए स्वचालित हथियारों से हमला कर दिया. इसमे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सेना के मुताबिक, आतंकियों के खिलाफ पिछली मुठभेड़ में घायल होने के बावजूद वे इस ऑपरेशन में शामिल हो गए थे.
मुठभेड़ जारी
कश्मीर के पांपोर कस्बे में सरकारी इमारत में घुसे आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में रविवार को कैप्टन पवन के साथ कैप्टन तुषार महाजन, 1 कमांडो और 1 जवान शहीद हो गए. शनिवार को हमले में CRPF के 3 जवान शहीद हुए थे. मुठभेड़ रविवार रात तक जारी थी. जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के रहने वाले कैप्टन तुषार आतंकियों के साथ आमने-सामने की लड़ाई में शहीद हुए. मुठभेड़ में 1 आतंकी भी मारा गया है. इमारत की सातवीं मंजिल पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. रविवार शाम तक सेना दूसरी मंजिल तक पहुंच चुकी है, जबकि 3 से 5 आतंकियों के ऊपर की मंजिलों पर छिपे होने की आशंका जताई जा रही है.