भारत को पाकिस्तान का मित्र कहने पर परीक्षा में नंबर कट जाते थे
भारत को पाकिस्तान का मित्र कहने पर परीक्षा में नंबर कट जाते थे
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नई दिल्ली : दुनिया में सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने अपने साहस का परचम लहराते हुए एक बार फिर शिक्षा को समाज के बदलने का महत्वपूर्ण अवयव बताया है। मलाला ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कहा कि पाकिस्तान में शिक्षा में सुधार किए जाने की आवश्यकता है, इसी से समाज में शांति फैलती है। गुरुवार को मलाला ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कई ऐसी बातें कही, जो किसी भी देश की राजनीति से परे है।

मलाला ने कहा कि जब मैं 3 क्लास में पढ़ती थी, तब मेरी बुक में लिखा था कि चीन, पाकिस्तान का सच्चा दोस्त है। हमारे भारत के साथ काफी विवाद है। अगर परीक्षा में सही गलत में टीक लगाने वाले सवाल आते है, तो जिस सवाल में ये पूछा जाता है कि भारत पाकिस्तान का दोस्त है या नही तो हमें नही में टीक लगाना होता था और चीन पाकिस्तान का मित्र है या नही के सवाल पर हाँ में टीक लगाना होता था, वरना नंबर कट जाते थे। लेकिन ये तो गलत तरीका है।

पाकिस्तान में स्कूली बच्चे कितने सेफ है के सवाल पर मलाला ने कहा कि कभी-कभी तो लगता है कि पाकिस्तान में हर शख्स खतरे में है जिसमें नेता भी है, क्यों कि मैने जो देखा है, उससे निराशा पैदा होती है। लेकिन पिछले एक साल में हालात ठीक हो रहे है। रिपोर्ट कहती है कि चरमपंथी हमलों में 70 प्रतिशत की कमी आई है।

थोड़ी उम्मीद है क्यों कि सेना के ऑपरेशन ठीक से चल रहे है। हुकूमत और सभी पार्टियां भी एकजुट है। लेकिन फिलहाल समय है, तालीम को प्राथमिकता देने की। डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम वाले बयान पर मलाला ने कहा कि यह घृणा पैदा करने वाला है।

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