नई दिल्ली : सरकार के द्वारा आज यह बयान सामने आया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए अभियान "मेक इन इंडिया" के अंतर्गत भारत में ही अधिक से अधिक रक्षा उपकरणों का निर्माण किया जाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के पहले वर्ष के दौरान भारतीय विक्रेताओं को दिये गए ऑर्डर में 13 फीसदी से अधिक की मजबूती देखने को मिली है.
इस मामले में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह भी कहा है कि वर्ष 2012-13 के अंतर्गत रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 58,768 करोड़ रुपए देखने को मिला, जिसमे भारतीय विक्रेताओं को 32,455 करोड़ रुपए के ऑर्डर प्राप्त हुए है जबकि इसके साथ ही विदेशी विक्रेताओं को केवल 26,313 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले.
इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि वर्ष 2013-14 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 66850 करोड़ रुपए देखने को मिला है. जिसमे भारतीय विक्रेताओं को 31768 करोड़ रुपए के आर्डर मिले और विदेशी विक्रेताओं को 35,082 करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए गए. वर्ष 2014-15 के दौरान यह देखने को मिला है भारतीय विक्रेताओं को जहाँ 40,589 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले तो वही विदेशी विक्रेताओं को 24,992 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले.