मनमोहन- जनता का ध्यान गैर मुद्दों की ओर बांटने के लिए भ्रष्टाचार का राग अलाप रही मोदी सरकार
मनमोहन- जनता का ध्यान गैर मुद्दों की ओर बांटने के लिए भ्रष्टाचार का राग अलाप रही मोदी सरकार
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नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को आज अड़े हाथो लेते हुए कहा कि वह जनता का ध्यान गैर मुद्दों की ओर बांटने के लिए भ्रष्टाचार का राग गा रही है, साथ ही उन्होंने कहा की मेने अपने परिवार और मित्रों के फायदे के लिए कभी भी अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया। केंद्र सरकार के गालो पर करारा तमाचा लगते हुए मनमोहन ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं और कल्यणकारी राज्य की सम्पूर्ण अवधारणा को तीव्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के नाम पर अब ध्वस्त किया जा रहा है। एक समारोह में आए पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने तीखे भाषण में कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मैं पूरी विनम्रता से कह सकता हूं कि मैंने सार्वजनिक पद का अपने परिवार और दोस्तों के फायदे के लिए कभी दुरुपयोग नहीं किया।

और फिर भी भाजपा सरकार भ्रष्टाचार का राग अलाप लेकर बैठी है, क्योंकि वह जनता का ध्यान गैर मुद्दों की ओर आकर्षित करना चाहती है। पूर्व प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब ट्राई के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बैजल ने आरोप लगाया है कि सिंह ने उन्हें ट्रजी स्पेक्ट्रम लाइसेंसों पर सहयोग नहीं करने पर नुकसान होने की चेतावनी दी थी। टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में एक आरोपी बैजल ने यह भी दावा किया कि CBI उनसे इस मामले में अरुण शौरी और रतन टाटा को फंसवाना चाहती थी। मनमोहन ने इस बात पर भी जोर दिया कि संप्रग सरकार के कार्यक्रमों को नये पैकेज के रूप में पेश किया जा रहा है और बीजेपी सरकार की पहल के रूप में इसकी मार्केटिंग की जा रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम सत्ता में थे तब भाजपा जिन बातों का विरोध करती थी, अब वे उन्हीं को अपने योगदान के तौर पर बेच रहे हैं। संप्रग सरकार पर लगाए जा रहे नीतिगत पंगुता के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा कि जब उनकी मोदी सरकार सत्ता से हटी उस समय भारत दुनिया में दूसरी सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के तहत आर्थिक हालात में सुधार फुसफुसा है। मनमोहन ने कहा कि बेहद पक्षपातपूर्ण और साम्प्रदायिक विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए अतीत का लगातार पुनर्लेखन हो रहा है। असंतोष को दबाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं। कल्याणकारी राज्य की सम्पूर्ण अवधारणा को तीव्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के नाम पर अब ध्वस्त किया जा रहा है जबकि दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कठिन प्रयास किया कि भारत एक खुले बहुलतावादी, उदार धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के रूप में फले फूले और जिसे अपनी साझी विरासत पर गर्व हो। उन्होंने कहा कि भारत की इस अवधारणा पर ही अब सुनियोतित तरीके से हमला किया जा रहा है। हमें यह समझना होगा कि यह हमला किस तरह से किया जा रहा है और तब हमें उसके जवाब के लिए आगे आना होगा।

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