माणिक्य धारण विधि
माणिक्य धारण विधि
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माणिक्य रत्न को रविपुष्य योग व रविवार को सूर्य की होरा में या उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र में स्वर्ण या तांबे की अंगुठी में मढ़वाकर अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए, धारण करने के पश्चात गायत्री मंत्र की 3 माला, सूर्य मंत्र की 3 माला व सूर्य के निमित्त दान करना चाहिए।

माणिक्य धारण करने से लाभ

विधि पूर्वक माणिक्य धारण करने से राजकीय क्षेत्रों में प्रतिष्ठा व भाग्य व उन्नति, संतान लाभ, तेजबल हृदय व नेत्ररोग में लाभ, रक्त विकार व शरीर दौर्बल्यादि से मुक्ति मिलती है। विशेष- मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक एवं धनु राषि वालों को व इन्हीं लग्न में उत्पन्न व्यक्तियों को माणिक्य धारण करना शुभप्रद व लाभदायक रहता है, जिनकी कुण्डली में या चंद्र कुण्डली में सूर्य प्रभावी ना हो रहा हो तो उन्हें भी माणिक्य धारण करना शुभप्रद रहता है।

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