जबलपुर : जबलुपर के मानसभवन के पास एक व्यक्ति अपने थैले में एक नवजात बच्चे को लेकर एक वृद्धा के साथ भीख मांग रहा था। कुछ लोग उसे देखकर आगे जा रहे थे तो कुछ का दिल पसीज गया और उन्होंने उसके हाथ में कुछ सिक्के और रूपए थमा दिए। जब काफी देर इस व्यक्ति को वहां हो गई तो कुछ लोगों ने इस व्यक्ति को लेकर गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली और मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान जब मीडिया ने इस व्यक्ति से चर्चा की तो सारी बात सानमे आई।
दरअसल इस व्यक्ति के पास जो बच्चा था वह मर चुका था। इस व्यक्ति की पहचान कृष्ण्पाल बैगा के तौर पर सामने आई। इस मामले में जानकारी मिली है कि उसकी पत्नी राम साखी बैगा को गर्भवती होने उमरिया के सरकारी चिकित्सालय ले जाया गया। जब इस महिला की हालत बिगड़ गई तो उसे जबलपुर रैफर कर दिया गया। दोनों जननी एक्सप्रेस से चिकित्सालय पहुंचे लेकिन जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के वाहन चालक ने दोनों को सुधा नर्सिंग होम पहुंचा दिया।
जहां पर प्रसव करवाया गया। प्रसव के दौरान बच्चा मृत पाया गया। इसके बाद कृष्णपाल से 40 हजार रूपए की मांग की गई, जो कि अस्पताल के खर्च के तौर पर लिए गए। हालांकि कृष्णपाल के पास इतनी रकम नहीं थी जिसके बद वह अपने बच्चे को थैले में रखकर भटक रहा था।
जब इस बात की जानकारी गरीब नवाज कमेटी को लगी तो उन्होंने अधिकारियों को जानकारी दी। अब अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। दूसरी ओर यह बात सामने आई कि जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के वाहन चालक मरीजों को निजी अस्पताल ले जाते हैं।
दरअसल निजी अस्पतालों में इन वाहन चालकों को अधिक कमीशन दे दिया जाता है। यह कमीशन 5000 रूपए तक होता है। अब सवाल किए जा रहे हैं कि निजी चिकित्सालय ने बैगा को भर्ती क्यों किया और उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर पहले ही क्यों सवाल नहीं किए।