सिस्‍टा स्‍टेरॉइड से बनते है फटाफट मसल्‍स
सिस्‍टा स्‍टेरॉइड से बनते है फटाफट मसल्‍स
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सस्‍टेनोन या सिस्‍टा एक मशहूर एनाबॉलिक स्‍टेराइड है.इसकी सबसे बड़ी खासियत है, यह तुरंत काम शुरू करने वाले और देर से काम शुरू करने वाले व देर तक बॉडी में रहने वाले का मिला हुआ रूप होता है.  इसका मकसद बॉडी में लगातार टेस्‍टोसटेरोन की सप्‍लाई को बनाए रखना होता है. सस्‍टेनोन का इस्‍तेमाल आमतौर पर कम टेस्‍टोसटेरोन से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है.

यह बॉडी बिल्‍डिंग में बहुत फेमस है क्‍योंकि इसे हरफनमौला कहा जाता है. यह स्‍ट्रेंथ बढ़ाता है, मास गेनिंग में मदद करता है, बॉडी की कंडिशनिंग करता है, मसल्‍स को बचाता है. इसके अलावा यह रिकवरी और नए मसल्‍स के विकास में मदद करता है. मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में भी माहिर है.

बॉडी बिल्‍डर हर तीसरे हर सप्‍ताह 250 से 1500 एमजी प्रति सप्‍ताह की डोज लेते हैं. हालांकि आमतौर पर 500 से 750 एमजी प्रति सप्‍ताह की डोज ली जाती है. कहा जाता है कि सप्‍ताह में एक बार इसका इंजेक्‍शन काफी होता है. हालाँकि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी है जैसे बॉडी में पानी इकट्ठा होना और औरतों जैसी छाती बन जाना, गुस्‍सा और चिड़चिड़ापन, बालों का झड़ना, प्रोस्‍टेट का सूजना इत्यादि.

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