केंद्रीय भंडार में मैगी पर रोक, बिग बाजार ने भी किया समर्थन
केंद्रीय भंडार में मैगी पर रोक, बिग बाजार ने भी किया समर्थन
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नई दिल्ली : इन दिनों मैगी को लेकर बवाल मचा हुआ है। देश में हर तरह से मैगी में खराबी आने की बातें सामने आ रही है इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि मैगी में कुछ ऐसे तत्व शामिल है जो स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है कि मैगी के सेंपल दिल्ली की लैब में जांच के दौरान फेल हो गए। इस कारण ही आज मैगी को बेन करने को लेकर दिल्ली सरकार ने बैठक भी की। बताया यह भी जा रहा है कि इस बैठक में कम्पनियों के अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक के बीच ही जहाँ एक तरफ दिल्ली के केंद्रीय भंडार से मैगी को हटा लिया गया वहीं दूसरी तरह बिग बाजार ने भी अपने यहाँ से मैगी को हटाने का फैसला कर लिया है। यह भी खबर सामने आ रही है कि इसके साथ ही इजीडे, फेयर प्राइस ने भी अपने यहाँ से मैगी को हटा लिया है। इसके चलते यह भी सामने आया है कि शेयर में भी 10 फीसदी गिरावट आई है।

सरकार के एक बयान में यह बात कही गई है कि बीते सप्ताह मैगी में लेड अधिक मात्रा में पाया गया। लेड के अधिक पाए जाने से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा कहा गया कि बीते सप्ताह मैगी के 13 नमूने एकत्रित किए गए हैं। ये नमूने अमानक स्तर के थे। यही नहीं मामले में जानकारी मिली है कि इसके 10 मसालों में विभिन्न तत्वों का प्रतिशत निर्धारित मात्रा से अधिक बताया गया है।

यही नहीं इसमें लेड की निधा्ररित सीमा 2.4 पीपीएम बताई गई है तो दूसरी ओर सरकार द्वारा कहा गया है कि मसालों के 5 नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूमेट पाया गया है। इसके उचित स्तर की जानकारी प्रदान की गई है। मामले में कहा गया है कि उक्त प्रचार श्रेणी के तहत यह जानकारी दी गई है। इसके पूर्व एक बयान में नेस्ले द्वारा बताया गया कि कंपनी लेड के लिए नियमिततौर पर कच्चे माल की जांच कर रही है। मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में परीक्षण भी किया गया है। यही नहीं निर्धारित सीमा के तहत यह बताया गया है कि मैगी के पैकेट में जानकारी दी गई है। बीते समय मैगी के पैकेट्स में पैक किए गए खाद्य तत्व गुणवत्तापूर्ण नहीं थे। 

जिससे लोगों को मैगी को लेकर कई तरह की परेशानियां सामने आने लगी हैं। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से मैगी की बिक्री पर भी असर पड़ने लगा है। मामले में विभिन्न क्षेत्रों में जांच की बात कही जा रही है। उत्तरप्रदेश में भी लैड की मात्रा सबसे अधिक पाई गई थी। कई ऐसे प्रांत हैं जहां मैगी में अमानक स्तर पाया गया। उल्लेखनीय है कि लैड एक घातक तत्व होता है जिसकी अधिकता से प्रतिकूल परिणाम सामने आता है।

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