नखराली नथ- परंपरा भी वैज्ञानिकता भी
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सुहाग आभूषणों में मंगलसूत्र, चूड़ियों के बाद सबसे महत्पूर्ण गहना है नथ | नाक में पहने जाने वाला ये आभूषण अखंड सौभाग्य का घोतक है | इसलिये स्त्रियां इस आभूषण के प्रति विशेष मोह रखती है | नथ को किसी भी धार्मिक उत्सव पर सुहागन द्वारा धारण किया जाता है।इस प्रकार नथ के सबंध में पौराणिक मान्यता के अलावा कुछ वैज्ञानिक कारण भी है..
1.जैसे आयुर्वेद के अनुसार नाक में शक्ति और ऊर्जा का मर्म स्थान है, इसलिये एक खास बिंदु पर छिद्र कर लगातार दबाब बनाए रखने पर रक्त के प्रवाह तेज़ होते ही एक्यूपंचर प्रेशर एक्टिवट हो जाता है|एक्यूपंचर प्रेशर एक्टिवट होने पर शरीर की आतंरिक क्षमता बढ़ जाती है |
2. ये नसें महिला के प्रजनन अंगों से जुडी हुई होती हैं। रक्त का प्रवाह के बढ़ने पर इन अंगों को सुचारू सञ्चालन और कार्य क्षमता में अमुलचल परिवर्तन आता है |
3. नाक के इस हिस्से पर छेद करने से महिला को प्रसव के समय भी कम दर्द का सामना करना पड़ता है।
4. इससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है,और शरीर में दर्द सहने की क्षमता निर्माण होती है | साथ ही प्रजनन और शिशु जन्म के समय होने वाले दर्द को जसब कर प्रसूति के जोखिमों को कम करती है |