लेक्सस इंडिया ने भारत के लिए अपनी पुनर्गठन की रणनीति बना ली है। जिसके तहत यह टोयोटा की उपस्थिति में स्वतंत्र रुप से काम करेगा और इसकी पहचान लेक्सेस इंडिया के रुप में होगी। कंपनी द्वारा किए गए इस बदलाव को चलाए जाने के लिए एख मजबूत संरचना की भी स्थापना पर होमवर्क किया जा रहा है।
मार्च 2017 में लेक्सेस ने अपनी कई उत्पादों के साथ भारतीय बाजार में अपना पदापर्ण किया था, जिसमें ईएस 300 एच, आरएक्स 450 एच और एलएक्स 450 डी शामिल है। इसके बाद से कंपनी ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम में चार नए गेस्ट एक्सपीरियंस सेंटर खोलें।
नई टीम का नेतृत्व लेक्सस इंडिया के चेयरमैन अकितो तचिबाना के हाथों में सौंपा गया हैं। प्रेसिडेंट के रूप में अकितिशि टैकमुरा, लेक्सस इंडिया के कारोबार की अगुवाई करेगें। लेक्स का ध्यान अब अपने ग्राहकों को असाधारण अनुभव देने की ओर है।
नए ढांचे ने कंपीन को और अधिक सक्षम बना दिया है। कंपनी का एक मात्र लक्ष्य तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनना है। लेक्सस इंडिया के उपाध्यक्ष अरुण नायर का कहना है कि आज जो परिवर्तन हम कर रहे हैं, वह लेक्सस को इस रफ्तार को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
अकितिशी टैकमुरा ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत लेक्सस के लिए एक अहम बाजार है। गौरतलब है कि जब लेक्सेस ने भारत में कदम रखा था तब वो टोयोटा का ही एक हिस्सा थी, जिसकी देखभाल टोयोटा द्वारा ही की जाती थी। लेकिन अब वो एक स्वतंत्र ब्रांड बन गई है। अब स्टाफ से लेकर सीईओ तक लेक्सेस के होंगे।