भाजपा नेत्री ने ही की सरकार के निर्णय की आलोचना

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की आधी रात को 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट्स को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से देश के लोगों को आंशिक तौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ इस तरह की बातें देशभर में एटीएम ट्रांजिक्शन और अन्य तरह के बैंक व्यवहार के लिए कतार में लगे लोगों के माध्यम से सामने आ रही है। हालांकि लोगों द्वारा लंबी कतारों में लगने पर कुछ परेशानी का अनुभव किया जा रहा है।

ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की ही एक वरिष्ठ नेत्री ने रविवार को सरकार के कार्य की आलोचना की। दरअसल भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने बयान दिया और कहा कि सरकार द्वारा बिना तैयारी के इस निर्णय को लिया गया। सरकार के निर्णय ने जनता को भिखारी बना दिया। उन्होंने कहा कि कालेधन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1000 रूपए और 500 रूपए के नोट को रद्द कर बेहतर कार्य किया है।

देश के वर्तमान हालात को देखकर यह अहसास हो रहा है कि सरकार इस तरह के निर्णय के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि बैंक में पर्याप्त नोट नहीं है। उन्होंने कहा कि धन मिलने की व्यवस्था बैंक में होना चाहिए थी। बैंक में और अधिक पैमाने पर काउंटर्स खोले जाने की जरूरत है। गौरतलब हे कि सरकार को पुराने नोट बदलने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की कतारें लगी हैं लोगों को असुविधा हो रही है।

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