जाने बाला के औषधीय गुणों के बारे में
जाने बाला के औषधीय गुणों के बारे में
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सिडा कोर्डिफोलिया और कंट्री मैलो को ही आयुर्वेद में बाला कहा जाता है. बाला का शाब्दिक अर्थ है ताकत. मतलब यह कि बाला के जरिये हम अपने शरीर को ऊर्जा और ताकत से भर सकते हैं. असल में बाला प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो हड्डियों को, मसल्स को और जोड़ों को मजबूत, ताकतवर बनाने के काम आती है. बाला का वानस्पतिक नाम ही सिडा कोर्डिफोलिया है. हिंदी में बाला को बरियारा या खिरैंती नाम से जाना जाता है.

बाला के असंख्य औषधीय गुण हैं. 

1-पित्त और वात. ये दोनों ऐसी समस्या है कब किसे हो जाए, कोई नहीं कह सकता. लेकिन बाला इन दोनों ही बीमारियों के लिए उपयोगी हल है. असल में जो भी बीमारी शारीरिक खराबी के चलते होती है, बाला उन तमाम समस्याओं से लड़ने में मदद करता है. पित्त और वात ऐसी ही दो बीमारियां है जो यकायक हो सकती हैं. आयुर्वेद के मुताबिक ऐसी स्थिति में बाला का उपयोग बेहतर रहता है.

2-बाला में प्रज्वलनरोधी गुण भी समाहित है. इसके अलावा बाला का बाहरी इस्तेमाल कर हम तमाम किस्म के घाव को भी भर सकते हैं. यही नहीं आंखों में सूजन या जलन होने पर भी बाला का पेस्ट लगाया जा सकता है जिससे सूजन और जलन में कमी आती है. इतना ही नहीं जिन लोगों आर्थराइटिस  सम्बंधी समस्या है, उनके लिए भी बाला बेहतरीन विकल्प है और जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, वे भी बाला की मदद से जोड़ों के दर्द से पार पा सकते हैं. असल में बाला से बनने वाले तेल को जोड़ों में लगाया जाता है साथ ही जिस अंग विशेष में जलन हो रही है, वहां भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. दोनों ही स्थितियों में बाला कारगर है.

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