हिन्दू शास्त्रों में मां काली को अभिमानी राक्षसों के संहार के लिए जाना जाता है. आमतौर पर मां काली की साधना सन्यासी और तांत्रिक करते हैं.
हम आपको मां काली, उनके मंत्र और जप से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे.
1-काली शब्द काले रंग का प्रतीक है. साधक काली की उपासना को सबसे प्रभावशाली मानते हैं. काली किसी भी काम का तुरंत परिणाम देती हैं. काली की साधना के बहुत से लाभ होते हैं. जो साधक को साधना पूरी करने के बाद ही पता चल पाते हैं. यदि मां काली आपकी उपासना से प्रसन्न हो जाती हैं तो उनके आशीर्वाद से आपका जीवन बेहद सुखद हो जाता है.
2-मां काली का एकाक्षरी मंत्र ‘क्रीं है. इसका जप मां के सभी रूपों की आराधना, उपासना और साधना में किया जा सकता है. वैसे इसे चिंतामणि काली का विशेष मंत्र भी कहा जाता है.इस मंत्र का भी स्वतंत्र रूप से जप किया जाता है. तांत्रिक साधनाएं और मंत्र सिद्धि हेतु हेतु बड़ी संख्या में किसी भी मंत्र का जप करने के पहले और बाद में सात-सात बार इन दोनों बीजाक्षरों के जप का विशिष्ट विधान है.
3-त्रिअक्षरी मंत्र ‘क्रीं क्रीं क्रीं’ काली की साधनाओं और उनके प्रचंड रूपों की आराधनाओं का विशिष्ट मंत्र है. द्विअक्षर मंत्र की तरह इसे भी तांत्रिक साधना मंत्र के पहले और बाद में किया जा सकता है.
सावधानी पूर्वक करे महामृत्युंजय मंत्र का जाप