नई दिल्ली : दो दिन पहले तिहाड़ जेल से रिहा हुआ राष्ट्रद्रोह का आरोपी जेनयू छात्र संघ का अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अपनी सुरक्षा की भारी चिंता सता रही है, इसी कारण वो बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है। उनकी सुरक्षा का जिम्मा उनके साथी छात्र संभाल रहे है। उनके साथी ह्यूमन चेन बनाकर उनके साथ चल रहे है।
साथ ही हर घंटे अपना अड्डा बदल रहे है, ताकि उनके विरोधी उनको नुकसान न पहुंचा सके। इसका कारण है पटियाला हाउस कोर्ट में हुई मारपीट। कन्हैया हॉस्टल में नहीं बल्कि एक प्रोफेसर के घर पर रुका हुआ है। किसी भी अनजान को कन्हैया के करीब जाने की इजाजत नहीं है। कोई भी उनके गुप्त लोकेशन के बारे में बात भी नहीं करता, ताकि किसी को भी कुछ भी पता न चल पाए।
शुक्रवार को कन्हैया ने बताया कि उसने जेल में प्रोफेसर तुलसी और बाबा साहेब आंबोडकर के किताबों की मांग की थी, लेकिन वो जेल की लाइब्रेरी में नहीं थे, इसलिए उन्होने प्रेमचंद की कहानियां पढ़ी। अखबार उन्हें जेल में उपलब्ध होता था। जेल में बिताए अनुभवों को कन्हैया किताबों की शक्ल देना चाहता है।