हमेशा कुछ न कुछ कारणों से मुद्दों में रहने वाली देश की राजधानी दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार ये नारे किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते है. यहाँ पर यह नारे शैक्षणिक नियमों में फेर-बदल के खिलाफ लगाए जा रहे हैं. यह विरोध उस फैसले के खिलाफ है जिसमें छात्रों को 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य रूप से पूरा करने को कहा गया है
यहाँ गुरुवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने सुबह से देर रात हजारों ये नारे लगाते रहे. कुलपति और प्रशासनिक पदाधिकारी पूरे प्रदर्शन के दौरान भवन से बाहर नहीं निकले. छात्र कुलपति से मांगों को लेकर मिलने की बात कह रहे थे. दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने पहले भीड़ हटाने की शर्त रखी थी. उन्होंने अधिकारियों को भवन के अंदर बंधक बनाने का आरोप भी लगाया है.
बता दें कि विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी का हवाला देते हुए इसे लागू किया है. विरोध करने वालों का कहना है कि जेएनयू में पहले इस तरह के नियम नहीं रहे हैं. छात्र और शिक्षक एक खुले माहौल में पढ़ते और पढ़ाते रहे हैं. और इस नियम का छात्रों के साथ साथ शिक्षक भी विरोध कर रहे है.
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