इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाल यौनाचार मामले के सामने आने के बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए मंगलवार को एक संयुक्त जांच दल (JIT) का गठन किया गया. बाल यौनाचार में लिप्त 25 सदस्यीय गिरोह पंजाब प्रांत के गांडा सिंह वाला इलाके में पिछले 10 वर्षो से सक्रिय था और बाल यौन शोषण का वीडियो तैयार कर उसे बेचता था. यह मामला शनिवार को सामने आया था. इसे पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है. इसमें 280 नाबालिगों पर लगभग 400 वीडियो बनाए गए थे.
मामले के पीड़ित परिवारों, मीडिया और नागरिक समाज द्वारा न्याय की मांग तेज होने के बाद पंजाब सरकार ने उपमहानिरीक्षक अबू-बकर खुदाबख्श के नेतृत्व में एक 5 सदस्यीय JIT का गठन किया है. इस मामले में जांच करने और उसकी रपट दो सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करने को कहा गया है. JIT अब हुसैन खानवाला गांव में बाल यौनाचार के लंबित मामलों की जांच करेगा और इसकी रपट लाहौर उच्च न्यायालय को सौंपेगा.
इस बीच दर्ज मामलों में आतंकवाद विरोधी आरोप भी जोड़ दिए गए हैं. यानी अब मामले की सुनवाई आतंकवाद रोधी अदालत में होगी. इसी के साथ चार पीड़ित बच्चों के परिवार वाले बाल यौन शोषण मामले में अपनी शिकायत दर्ज कराने आगे आए हैं. परिवार वालों ने आवेदन में कहा है कि बंदूक की नोक पर पीड़ित बच्चों का यौन शोषण किया गया था. इस मामले में अभी तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली ने आरोपियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करने वाला एक प्रस्ताव सोमवार को सर्वसम्मति से पारित किया है. संसद की निचली सदन के सदस्यों ने पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों के प्रति एकजुटता जाहिर की है.