जयललिता संपत्ति मामले की रोजाना सुनवाई होगी
जयललिता संपत्ति मामले की रोजाना सुनवाई होगी
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नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता के आय से अधिक संपत्ति मामले की रोजाना सुनवाई करेगा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले में जयललिता को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल की पीठ ने मामले की रोजाना सुनवाई के बारे में कहने के साथ-साथ कर्नाटक सरकार और जयललिता के वकीलों से यह भी कहा कि वे उन मामलों को अदालत के सामने रखें जिनके बारे में उन्हें लगता है कि इनकी सुनवाई होनी चाहिए।

अदालत ने यही छूट द्रमुक नेता के. अनबजागन और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को भी दी जो कि इस मामले में क्रमश: शिकायतकर्ता और हस्तक्षेपकर्ता हैं। अदालत ने इन मुद्दों को पेश करने के लिए आठ जनवरी की तारीख तय की है। अदालत ने कहा कि मामले की रोजाना सुनवाई के लिए तारीख भी तभी तय की जाएगी। कर्नाटक सरकार ने जयललिता, उनकी सहयोगी शशिकला और दो अन्य को बरी करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के 11 मई के फैसले के खिलाफ 23 जून को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। 18 साल तक चले इस मामले में निचली अदालत ने जयललिता को दोषी पाया था।

उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी और 100 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया था। फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील हुई जहां निचली अदालत के इस फैसले को पलट दिया गया। कर्नाटक सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय का फैसला कानून की हार है। अपील में कहा गया है कि जयललिता की संपत्ति की गणना में उच्च न्यायालय ने गलती की है। कर्नाटक सरकार ने मामले में उसे प्रतिवादी नहीं बनाने के उच्च न्यायालय के फैसले पर भी याचिका में सवाल उठाए हैं। कहा है कि प्रतिवादी नहीं बनाए जाने की वजह से मामले में कोई सरकारी वकील नियुक्त नहीं हो सका और राज्य की बात अनसुनी ही रह गई।

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