नई दिल्लीः आखिरकार तमाम विराधों को झेलने के बाद अंततः केजरीवाल सरकार ने जनलोकपाल बिल को पास कर दिया है गौरतलब है कि विपक्ष द्वारा लगातार लोकपाल बिल पर केजरीवाल सरकार पर हमले किए जा रहे थे विपक्ष द्वारा केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया था कि 9 महीने बीत जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार लोकपाल बिल पास नहीं कर रही है।
केजरीवाल सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया गया आज कांग्रेस द्वारा भी दिल्ली में लोकपाल बिल पर जबरदस्त प्रदर्शन कर रैली निकाली गई जिसमें बढ़ी संख्या में कांग्रेसियो ने भाग लिया । मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी राजनीतीक जीवन की शुरूआत जनलोकपाल बिल आंदोलन से ही की थी और इसीके चलते उन्हें पिछले साल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था. लंबे समय बाद आखिकार जनलोकपाल बिल को कैबिनेट में स्वीकृति प्राप्त हो गई और इसके साथ ही केजरीवाल ने अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है.
केजरीवाल सरकार के जनलोकपाल बिल 2015 के अनुसार
-जनलोकपाल एक स्वतंत्र स्वायत्त संस्था होगी
-जनलोकपाल के दायरे में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रीयो को शामिल किया जायेगा ।
-जनलोकपाल के मुताबिक जो भी शिकायतें प्राप्त होगी उनकी जांच का कार्य 6 माह की अवधि में पूरा करना होगा और इतना ही समय सुनवाई को खत्म करने के लिए भी मिलेगा।
-जनलोकपाल बिल के तहत दंड संहिता का भी प्रावधान है ।
-बिल के अनुसार जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है उसकी संपत्ति को जप्त किया जायेगा।
-जनलोकपाल के अनुसार कार्यवाही में सरकार किसी भी प्रकार का कोई दखल नहीं दे पायेगी और इसके साथ ही लोकपाल की नियुक्ति में भी सरकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी।
जनलोकपाल बिल को दिल्ली सरकार के कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा की एडवाइजरी कमेटी के पास भेज दिया जायेगा. उसके बाद कमेंटी ही यह निर्णय लेगी बिल सदन में कब पेश होगा। कयास लगाए जा रहे है कि विधानसभा के इसी सत्र में जनलोकपाल बिल पेश किया जा सकता है यहाॅं यह उल्लेखनीय है कि तमाम दल जनलोकपाल के मूद्दे पर मौन साधे हुए फिर भी केजरीवाल जल्द ही जनलोकपाल पर कोई बढ़ा बयान दे सकते है ।