जैन मंदिर ढहाए जाने पर भारतीय जैन समाज ने जताई नाराजगी
जैन मंदिर ढहाए जाने पर भारतीय जैन समाज ने जताई नाराजगी
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नई दिल्ली : पाकिस्तान के शहर लाहौर में प्रतिष्ठापित करीब 1 हजार वर्ष पुराने जैन मंदिर के अवशेषों को न्यायालयीन आदेश के चलते ढहा दिया गया। अब इस पर भारत में रहने वाले जैन समुदाय के लोगों ने आपत्ती ली है। भारत के जैन समुदाय ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मंदिर को ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था।

जैन समुदाय ने इस मंदिर में प्रतिष्ठापित मूर्ति का पता लगाने हेतु उचित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में भारत सरकार पहल करे। जैन युवा संगठन के संयोजक अनुरोध ललित जैन ने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ईमेल कर यह मांग की कि वे भारत स्थित पाकिस्तान उच्चायोग से समन्वय कर यह पता लगाऐं कि लाहौर के अनारकली बाजार के समीप ध्वस्त जैन मंदिर की मूर्ति सुरक्षित है या नहीं है।

यदि यह मूर्ति सुरक्षित है या नहीं भी है तो भी इसे भारत लाकर अन्य जैन मंदिर में प्रतिष्ठापित करने की पहल की जाना चाहिए। ललित ने कहा कि यह मूर्ति धार्मिक और एतिहासिक महत्व की है। यदि यह मूर्ति सुरक्षित है तो इसे भारत में लाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ करना चाहिए।

जिससे भारतीय मंदिर में इसकी प्राण - प्रतिष्ठा की जा सके। जैन समुदाय के संगठन के पदाधिकारी द्वारा यह भी कहा गया कि लाहौर में जैन मंदिर के अवशेष ढह जाने के बाद पाकिस्तान में असिहष्णुता के माहौल की बात कही जाने लगी। यह कहा जाने लगा कि जो पाकिस्तान भारत में सहिष्णुता असहिष्णुता की बात करता है तो उसे पाकिस्तान में अपनाई जाने वाली असहिष्णुता पर भी सवाल करना चाहिए। 

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