नई दिल्ली: इजरायल अब यहूदियों का देश बन जाएगा. जी हा इजराइल की संसद ने गुरुवार को ऐसा कानून बनाकर उसे पास भी कर दिया है जिससे वह आधिकारिक तौर पर अब यहूदियों का देश घोषित हो जायेगा. मगर अब ये चर्चाये भी बलवती हो रही है कि देश में रह रहे अरब नागरिकों को अब भेदभाव का शिकार होना पड़ेगा. संसद में 62 में से 55 लोगों ने इसके पक्ष में अपना मत दिया. संसद में बहस के दौरान ही अरब सांसदों ने इसका जमकर विरोध किया.
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इजरायल की 80 लाख की आबादी में 17.5 प्रतिशत अरब हैं. सदन ने हीब्रू को देश की राष्ट्रीय भाषा घोषित किया. वही अरबी अब सिर्फ विशेष भाषा बन कर रह गई है. कानून इजरायल को यहूदियों की मातृभूमि के तौर पर बताता है और इसके अनुसार अब यहूदियों को यहां अपने फैसले खुद लेने का अधिकार होगा.
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कानून लागू होने पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ''कानून में यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित किया गया है. हीब्रू कैलंडर को देश का आधिकारिक कैलंडर घोषित किया गया है. हमने कानून में हमारे अस्तित्ल के बुनियादी सिद्धांत को स्थापित किया है इजरायल यहूदी लोगों का देश है, जो अपने सभी नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान करता है. यह हमारा देश है- यहूदी देश. हाल के सालों में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने हमारे अस्तित्व को संदेह में रखने की कोशिश की. आज हमने इसे कानून बना दिया: यह हमारा देश, भाषा और ध्वज है.'
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