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strong>उज्जैन/मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अगले वर्ष होने वाले महाकुंभ से पहले इंदौर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय धर्म और धम्म सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को विद्वतजनों ने धर्म, अध्यात्म व मानव-कल्याण पर गहन विचार-विमर्श किया। निष्कर्ष निकाला गया कि समाज में बदलाव के लिए व्यक्ति में बदलाव जरूरी है। परिसंवाद के दूसरे दिन के पहले मुख्य सत्र की अध्यक्षता डोबकक यूनिवर्सिटी (दक्षिण कोरिया) के प्रो़ सुन क्यून किम ने की। इस सत्र में माथरेमा सभा केरल के प्रमुख जोसफ माथरेमा ने कहा कि मानवता का कल्याण मनुष्य का स्वप्न होता है। बिना कर्म के कोई भी उपदेश व्यर्थ है। माथरेमा ने महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को मौजूदा दौर में भी प्रासंगिक बताया।